Kota News in Hindi: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थियों में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह एक देशव्यापी समस्या है. गहलोत ने कोचिंग संस्थानों में आत्महत्या के बढ़ते प्रकरणों और उनकी रोकथाम के उपाय सुझाने के लिए प्रमुख शासन सचिव उच्च तकनीकी शिक्षा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है. इस समिति को 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है. सीएम की बैठक के बाद कोटा जिला प्रशासन और भी तेजी से प्रयास करेगा. इसके लिए कोटा हॉस्टल ऐसोसिएशन ने तो प्रयास शुरू भी कर दिए हैं.अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि कोटा में अब सभी पर्वों को कोचिंग स्टूडेंट के साथ मनाया जाएगा.


छात्रों की मनोदशा की होगी निगरानी
बैठक में आत्महत्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की गई. उन्हें रोकने के प्रभावी कदम उठाए जाने के लिए प्रयास तेज किए गए. सीएम गहलोत ने कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ संवाद कार्यक्रम में इन कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों और उनसे संबंधित सामयिक महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे नियमित पढाई के साथ-साथ कोचिंग ऑवर्स, पढाई के दबाव को कम करने और मानसिक संबल प्रदान करने, अभिभावकों द्वारा बच्चों की क्षमता से अधिक आकांक्षाएं, कैरियर काउंसलिंग की सुविधाओं का विस्तार, कोचिंग छात्रों की तरुणावस्था की मनोदशा पर निगरानी, कोचिंग संस्थाओं में या आस-पास खेलकूद के साधनों का विकास, कोचिंग संस्थानों के आस-पास मादक पदार्थों की बिक्री और सेवन को रोकथान, इजी एग्जिट एवं फी रिफंड पॉलिसी के क्रियान्वयन पर विचार-विमर्श किया गया.


राजस्थान में सुसाइड के केस  
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देशभर में 2021 में विद्यार्थियों के आत्महत्या के 13 हजार से भी अधिक मामले दर्ज हुए. इनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 1834, मध्य प्रदेश में 1308, तमिलनाडु में 1246, कर्नाटक में 855 और ओडिशा में 834 मामले दर्ज हुए. राजस्थान में यह आंकड़ा 633 का है, यह दूसरे राज्यों की तुलना में कम है.इसके बाद  भी कोचिंग संस्थान, अभिभावक, हॉस्टल-पीजी और प्रशासन के प्रभावी समन्वय और सामूहिक प्रयासों से इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए. 


ई-कम्पलेंट पोर्टल की शुरुआत 
कोटा के चार हजार हॉस्टल और पीजी में करीब दो लाख बच्चे रह रहे हैं. पहले से ही सुसाइड को रोकने अधिकांश उपाए किए जा रहे हैं. प्रशासन के साथ पुलिस और स्वयंसेवी संस्थाएं अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. कोटा के कोचिंग संस्थान भी पूरी तरह से ऑफलाइन और ऑनलाइन प्रयास कर रहे हैं. हर सुविधा यहां मिल रही है और सुसाइड भी दूसरे प्रदेशों से कम है. लेकिन एक भी बच्चा सुसाइड करता है तो वह गंभीर बात है. प्रत्येक कोचिंग सेन्टर पर हैल्थ जोन, वेलनेस सेन्टर और क्लिनिकल काउंसलिंग की व्यवस्था की जा रही है. विद्यार्थियों में मानसिक तनाव कम करने के लिए मनोरंजन और खेलकूद के साधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.इसके साथ ही 24 घण्टे की हेल्पलाइन सेवा और ई-कम्पलेंट पोर्टल की शुरूआत भी की गई है. 


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