Rajasthan Assembly Elections: नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा कि अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष और आचार संहिता (Model Code of Conduct) से पहले महंगाई राहत कैंप लगाकर सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सस्ती लोकप्रियता ले रहे हैं. कांग्रेस ने जन घोषणापत्र में यह कहा था कि हम रसोई गैस की कीमत के नियंत्रण में प्रभावी काम करेंगे और पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाएंगे. उसे साढ़े चार साल यह याद नहीं आया. 


राठौड़ ने कहा, 'कांग्रेस सरकार को अपनों से ही राहत नहीं मिल रही, आज जनता को राहत दिलाने से पहले सरकार अगर अपनों से राहत ले लेती तो उचित होता. बाबूलाल कटारा जो पकड़े गए हैं उससे आरपीएससी कलंकित हुई है. उन्होंने जिस प्रकार गिरोह बनाकर आरपीएससी में नौकरियों में लूट की छूट दी है उस पर सचिन पायलट के उसी बयान के साथ मैं यह जोड़ता हूं कि बाबूलाल कटारा मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर से नामजद हुए हैं. क्या कारण है कि एक सांख्यिकी अधिकारी, वीडियो के पद पर रहते हुए विवादों में आए और अचानक उसे इस पद पर बिठाया गया. पिछले कार्यकाल में आरपीएससी के चेरमैन  हबीब खान के समय आरएएस का पेपर लीक हुआ था. उनके खिलाफ मामला बना उनको नामजद भी अशोक गहलोत ने किया था.'


सरकार से वास्ता रखने वालों को देनी पड़ती है रिश्वत- राजेंद्र राठौर
बीजेपी नेता राठौड़ ने कहा सरकार की सरपरस्ती में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. इंटरनेशनल सर्वे की रिपोर्ट 2021 में यह कहा गया है कि ऐसे 67 प्रतिशत लोग जिनका वास्ता सरकार से पड़ा उनको रिश्वत देनी पड़ी और दूसरा सर्वे में कहा गया है कि जिन 78 प्रतिशत लोगों का सरकार से वास्ता पड़ा, उनको रिश्वत देनी पड़ी है. जो घोषणा बजट में की जाती है. वह अपनेआप 1 अप्रैल से लागू हो जाती है लेकिन सरकार ने उन बजट घोषणाओं को लागू करने की बजाय उनकी तिथियां बढ़ाईं. कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री ने अन्नपूर्णा फूड पैकेट बांटने की बात कही जो अभी तक हवा हवाई है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार बिना बजट के खोए हुए जनाधार को ढूंढने का काम कर रही है. मिड-डे-मील योजना, दूध योजना, चिरंजीवी संबल योजना यह सारी योजनाएं जो  अपनेआप ही शुरू हो जानी चाहिए थी उनके लिए महंगाई राहत कैंप लगाकर मुख्यमंत्री अपने नाम से गारंटी कार्ड दे रहे हैं. 


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