Rajasthan: सीएम गहलोत के मंत्री ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को चेताया, बोले- जमीन किसी भी हाल में नहीं जाने दूंगा, लगा दूंगा पेड़-पौधे
Shanti Dhariwal: राजस्थान सरकार में मंत्री शांति धारीवाल ने एयरपोर्ट की जमीन को लेकर नया बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि एयरपोर्ट की जमीन किसी भी हाल में नहीं जाने दूंगा, यहां पर पेड़-पौधे लगा दूंगा.
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Kota-Bundi Airport Land: राजस्थान सरकार के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) अपने बयानों के लिए पूरे राजस्थान में चर्चित हैं. एक बार फिर उन्होंने एक बयान देकर सुर्खियां बटोर ली है. इस बार मंत्री धारीवाल ने कहा है की कोटा एयरपोर्ट की जमीन हमारी है. इस जमीन को किसी भी सूरत में हम जाने नहीं देंगे और जनता भी उसे जाने नहीं देगी. इस जमीन पर यदि मिनी सचिवालय नहीं बना तो पूरी जमीन पर पेड़ पौधे लगा देंगे. एयरपोर्ट अथॉरिटी को जमीन हमारी सरकार ने दी थी उसके बदले हमने 2745 बीघा भूमि उन्हें नए एयरपोर्ट के लिए दे दी है. पुरानी जमीन पर अथॉरिटी अब अपना हक जताना भूल जाए.
मंत्री यही नहीं रुके उन्होंने ने वकीलों पर भी तंज कसते हुए कहा की राष्ट्र निर्माण में छोटे वकीलों का योगदान रहा है. उन्होंने कहा बड़े वकीलों का राष्ट्र के निर्माण में कोई योगदान नहीं है. वह एक पेशी की 10 से 15 लाख फीस लेते हैं. वह कॉपोर्रेट के अनुसार वकालत करते हैं और अपने हिसाब से फैसले करवाना चाहते हैं. उन बड़े वकीलों को अपनी सोच बदलनी होगी और राष्ट्र के निर्माण में कार्य करना होगा. देश कॉरपोरेट्स नहीं निर्माण से चलता है.
नहीं जाने देंगे एयरपोर्ट की जमीन, बनाएंगे मिनी सचिवालय
कोटा दौरे पर रहे है यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा की एयरपोर्ट की जगह यदि मिल जाएगी तो यहां पर मिनी सचिवालय बनाया जाएगा. जिसमें एक ही परिसर में सभी विभाग होंगे, न्यायालय परिसर होगा साथ ही अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा. उन्होंने कहा लेकिन इस जमीन को एयरपोर्ट अथॉरिटी अपना बता रही है. इस जमीन को किसी भी सूरत में हम जाने नहीं देंगे और जनता भी उसे जाने नहीं देगी. इस जमीन पर यदि मिनी सचिवालय नहीं बना तो पूरी जमीन पर पेड़ पौधे लगा देंगे. एयरपोर्ट के लिए सरकार ने बूंदी जिले में 2745 बीघा निशुल्क भूमि दी है. पुरानी भूमि हमारी है.
धारीवाल ने कहा कि अभिभाषक परिषद के नए भवन के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है, इसमें जो समस्या आ रही है, उसका समाधान भी कर दिया जाएगा. उन्होंने लम्बे अंतराल के बाद अभिभाषक परिषद परिसर में आने पर कई बार चुटकियां ली और कहा कि यदि तीन साल पहले बुला लिया होता तो कई काम हो जाते. इस दौरान विशिष्ट अतिथि संदीप शर्मा विधायक कोटा दक्षिण, समारोह की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी सोनी ने की.
बूंदी में बनेगा एयरपोर्ट, जमीन हुई आवंटित
कोटा शहर में एयरपोर्ट छोटा होने की वजह से वहां बड़े विमान उतर नहीं सकते. ऐसे में नए एयरपोर्ट को बनाने के लिए राजस्थान सरकार ने बूंदी जिले के जाखमुंड, रामपुरिया और तुलसा गांव की 2745 बीघा जमीन नए हवाई अड्डे के लिए केंद्र सरकार को निशुल्क दे दी है. इसके बाद कोटा की पुरानी एयरपोर्ट की जमीन खाली होने से मंत्री शांति धारीवाल ने वहां मिनी सचिवालय बनाने की घोषणा की. उधर कोटा-बूंदी एयरपोर्ट की मांग लंबे समय से की जा रही थी. जब कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला लोकसभा स्पीकर बने तो एयरपोर्ट की मांग को पंख लग गए. नागरिक उड्डयन मंत्री ने भी कोटा को हवाई सेवा से जोड़ने में रुचि ली और संसद में भी इस बारे में बयान दिया. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की उच्च स्तरीय टीम के व्यापक निरीक्षण के बाद ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्वीकृति जारी कर दी गई.
17 बार लिखी हाईकोर्ट को चिट्ठी
मंत्री धारीवाल ने कहा कि जब हाईकोर्ट का विवाद चल रहा था उस समय वकीलों ने क्या कुछ नहीं किया. लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट की बेंच कोटा में खुले इसके लिए भी 17 बार पत्र हाईकोर्ट को लिख दिया गया है. वहां से कहा जाता है की राज्यपाल और राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद हाईकोर्ट की बेंच स्वीकृत होती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे राजस्थान में केवल वकीलों को आवासीय योजना का लाभ मिला और सस्ते प्लाट वकीलों को मिले. लेकिन उसमें भी विवाद हो गया और रेट कम करने की बात कही, लेकिन ये नहीं हो सकता. लेकिन ये जरूर हो सकता है कि आप लोग वहां मकान बनाएं सभी सुविधाएं तीन माह में विकसित कर दी जाएगी.
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