Rajasthan Election 2023: राजस्थान में भीषण गर्मी के साथ प्रदेश का सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है. इस बीच अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि 1998 के दौरान परसराम मदेरणा के और हमारे रिश्ते बहुत अच्छे रहे हैं. परसेप्शन ये हैं कि उनकी जगह मैं मुख्यमंत्री बन गया. हो सकता है परिवार वालों को थोड़ी बहुत तकलीफ भी होती है. अगर उनकी जगह मैं भी होता तो मुझे भी तकलीफ होती. उन्होंने कहा कि दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) सब जानती हैं, उन्हें पता है कि हमारे (अशोक गहलोत) और परसराम मदेरणा के रिश्ते कैसे थे? जब वो (दिव्या मदेरणा ) छोटी बच्ची थीं और पास बैठती थीं.
इंटरव्यू के दौरान सीएम गहलोत ने आगे कहा, 'उस समय जब मैं परसराम मदेरणा से बात करता था तो वो सब सुनती थीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि परसराम मदेरणा को हेल्थ की प्रॉब्लम थी. उन्होंने खुद मुझसे कहा था कि मैं बाईपास सर्जरी नहीं करवा रहा हूं. लेकिन फिर भी मैंने उनको बहुत समझाया. उन्हें उदाहरण के तौर पर राठौड़ साहब के बारे में बताया. जो उस समय दो बार बाईपास सर्जरी करवा चुके थे. मैंने उनका उदाहरण देकर बताया और समझाया लेकिन उन्होंने कहा मेरी कोई दूसरी परेशानी है और उन्होंने सर्जरी नहीं कराई."
सीएम उम्मीदवार नहीं थे
अशोक गहलोत ने कहा, 'एक बात साफ हो गई थी कि वो उमीदवार नहीं थे. जब मैं, चुनाव जीतकर उनके पास पूछने के लिए गया तो उन्होंने साफ कहा कि मैं उमीदवार नहीं हूं, तुम जाओ जब वहां पर फार्मलिटी होने लगे तो मुझे (परसराम मदेरणा) बता देना और मैं मीटिंग में आ जाऊंगा. उस समय जो उनके फॉलोवर थे प्रद्युम्न सिंह जो बाद में मेरे वित्त मंत्री बने और एक उनके खुद के दामाद हरेंद्र मिर्धा को उन्होंने मेरे पास भेज दिया था. उन्होंने कहा तुम दोनों जाओ अशोक गहलोत के पास और इस परिस्थिति में मेरा मुख्यमंत्री के लिए चयन हुआ.'
सीपी जोशी के बारे में भी दी ये जानकारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'सीपी जोशी और हमारे संबंध बहुत अलग तरह के थे और रहेंगे. जब सीपी जोशी महासचिव थे तब भी हमारे रिश्ते अच्छे थे. अशोक गहलोत ने कहा कि मैं मजाक में मीटिंग के अंदर कहता था कि दो लोग मेरी वीकनेस थे. एक तो सीपी जोशी और दूसरे जुगुल काबरा. जुगुल काबरा ज्यादा कुछ बन नहीं पाए, बस एक बार के विधायक रहे. सीपी जोशी को मुख़्यमंत्री बनाने के लिए जब फॉरवर्ड ट्राई करते थे तब भी वो एआईसीसी में बैठकर कहते थे कि हमारे नेता अशोक गहलोत हैं.'
सीएम ने आगे बताया, 'एक बार उनका जन्मदिन उदयपुर में मनाया जा रहा था तो उन्होंने कहा कि मैं पहले अशोक गहलोत का फॉलोवर था और अब कोलैबोरेटर हूं. वो प्रोफेसर रहे हैं तो उनकी भाषा उस तरह की होती है. मीडिया ने उस बात को खूब घुमाया और अभी भी उसपर चर्चा होती रहती है. लेकिन उनके (सीपी जोशी ) मन में हमारे लिए सम्मान की कोई कमी नहीं आई. इसीलिए, जब वो स्पीकर बने तब हमने उनका नाम प्रपोज किया.'
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