Rajasthan Politics: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस सरकार का बजट 2023-24 समाज के सभी वर्गों की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला है. अशोक गहलोत का यह बयान रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के पलटवार के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल, दौसा में पीएम मोदी ने कहा था कि 'कांग्रेस के लिये बजट और घोषणाएं कागजों में लिखने के लिए ही होती हैं. योजनाएं और कार्यक्रमों को जमीन पर लागू करने में कांग्रेस का कोई इरादा नहीं होता.'


अशोक गहलोत ने कहा कि जो बजट राजस्थान सरकार ने पेश किया है, इस तरह का बजट 'दुर्लभ' ही बनता है. वहीं, सीएम ने सुझाव दिया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन को राजस्थान के बजट का अध्ययन करना चाहिए. 


पीएम मोदी के टिप्पणी के बाद सीएम गहलोत का पलटवार
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण के दौरान कुछ अंश पिछले बजट के पढ़ दिए थे. इस घटना की ओर इशारा करते हुए रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने दौसा में एक जनसभा में कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष किया था. पीएम ने कहा था कि इससे पता चलता है कि कांग्रेस के पास न विजन है और न ही उसकी बातों में कोई वजन है.'


इसपर अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए सोमवार के कहा, 'मैं बजट की कॉपी प्रधानमंत्री को भेज सकता हूं और वह इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन को भेज सकते हैं. उन्हें पता चलेगा कि हमारा बजट एक मॉडल बजट के रूप में है.' मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने सभी वर्गों, सभी परिवारों का ध्यान रखा है. मैं दावा कर सकता हूं कि ऐसा बजट बनना दुर्लभ है.'


बजट में गरीब तबके को खुश कर देने वाली घोषणाएं
मालूम हो, सीएम गहलोत के पास वित्त विभाग भी है. बीते शुक्रवार को आगामी वित्त वर्ष के बजट में उन्होंने समाज के गरीब तबके के लिए बड़ी घोषणाएं कीं. इस दौरान उन्होंने 500 रुपये में गैस सिलेंडर और हर महीने 'फूड किट' देने की बात कही. साथ ही, 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज और 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा भी की.


हालांकि, बजट भाषण की शुरुआत में उन्होंने पिछले बजट की दो घोषणाएं पढ़ दीं जिसको लेकर सदन में खासा हंगामा हुआ. बाद में मुख्यमंत्री ने इसके लिए खेद जताते हुए कहा कि बजट भाषण में एक पन्ना अतिरिक्त जुड़ गया और यह मानवीय भूल थी.


'उस विकास की बात करें पीएम, जो आजादी के बाद देश में हुआ'
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर देश के सैनिकों के शौर्य को कम आंकने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस सरकारों ने इस डर से सीमावर्ती इलाकों में विकास नहीं करवाया कि कहीं उनकी बनाई नई सड़कों का इस्तेमाल दुश्मन न कर लें. इस पर अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री को उस विकास के बारे में भी बात करनी चाहिए जो आजादी के बाद देश में हुआ है.


'कांग्रेस सुशासन का लोगों पर अच्छा प्रभाव'
अशोक गहलोत का दावा है कि भारत में जो भी विकास हुआ है, वह सिर्फ पूर्व की कांग्रेस सरकारों की वजह से हुआ है. राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. अशोक गहलोत कई बार दावा कर चुके हैं कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार दोबारा बनेगी. इसके आधार के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा दिये गये 'सुशासन' का लोगों पर अच्छा प्रभाव पड़ा है और इसलिए उन्हें लगता है कि जनता एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को जनादेश देगी.


सचिन पायलट के सवाल पर दिया ये जवाब
मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों की 'गोलबंदी' के आगामी चुनावों पर असर के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी एकजुट हैं और एकता के साथ चुनाव में उतरेंगे. गौरतलब है कि दिसंबर 2018 में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री गहलोत और पायलट के बीच सत्ता को लेकर खींचतान चल रही है. सचिन पायलट ने जुलाई 2020 में गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी, जिससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया.


पिछले साल दिसंबर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान चरण के दौरान पार्टी एकजुट दिखी, लेकिन जनवरी में सचिन पायलट ने विभिन्न जिलों में अपने पांच दिवसीय कार्यक्रम में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया और प्रश्नपत्र लीक जैसे मुद्दों पर अपनी पार्टी की सरकार को घेरा. इसके बाद अशोक गहलोत ने कहा कि साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलने का प्रमुख कारण उनकी पिछली सरकार (2008-2013) का कामकाज रहा.


अशोक गहलोत ने की कांग्रेस में एकजुटता की बात
सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस में 'गुटबाजी' को ज्यादा तवज्जो न देते हुए कहा कि पार्टी पूरी एकता के साथ विधानसभा चुनाव 2023 में उतरेगी. सीएम ने कहा कि सभी नेताओं के प्रयास से पार्टी को राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखने में मदद मिलेगी. 


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