Rajasthan News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गुरुवार (23 फरवरी) को कहा कि हिंसा और तनाव के दौर में गांधीजी के मूल्यों एवं सिद्धांतों पर चलकर ही शांति की स्थापना संभव है. मानवता के लिए गांधीजी के संदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार आवश्यक है. युवा पीढ़ी को गांधीजी के विचारों से जुड़ना चाहिए. गांधीजी की जीवनी ‘सत्य के प्रयोग’ का अध्ययन युवा पीढ़ी को अवश्य करना चाहिए.
सीएम गहलोत ने अजमेर (Ajmer) के गांधी स्मृति उद्यान का लोकार्पण और भीलवाड़ा (Bhilwara) कलेक्ट्रेट परिसर में गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने शांति एवं अहिंसा विभाग की वेबसाइट लॉन्च करने के बाद चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) में गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में भी वीसी के माध्यम से भाग लिया.
सीएम ने कहा कि गांधी दर्शन का विश्व स्तर पर सम्मान है. नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग जैसे महान नेताओं ने गांधीजी से प्रेरणा प्राप्त कर वंचित वर्गों को अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया. आज अमेरिका जैसे देश में महात्मा गांधी की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं. जर्मनी के शिक्षा पाठ्यक्रम में गांधीजी को पढ़ाया जा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में गांधीजी के जन्मदिवस को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को भेजा. विश्व अहिंसा दिवस के प्रस्ताव का सभी देशों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया.
गांधीजी के आदर्श आज भी प्रासंगिक-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन ने गांधीजी के बारे में कहा था कि आने वाली पीढ़ियों को विश्वास नहीं होगा कि ऐसा कोई मानव कभी धरती पर आया था. गांधीजी के सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह, सर्वधर्म समभाव के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं. उन्होंने कहा कि शांति एवं अहिंसा विभाग तथा महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंस (एमजीआईजीएसएस) के संयुक्त तत्वावधान में संभाग से लेकर ब्लॉक स्तर पर गांधी दर्शन से जुड़े प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. अजमेर के गांधी स्मृति उद्यान को उत्कृष्ट रूप में तैयार किया है. इससे आमजन को गांधीजी के विचारों से जुड़ने का अवसर मिलेगा.
सिर्फ राजस्थान में शांति एवं अहिंसा विभाग
मुख्यमंत्री गहलोत ने शांति एवं अहिंसा विभाग स्थापित करने का उद्देश्य बताया. उन्होंने कहा कि गांधीजी के सिद्धांतों को आमजन तक पहुंचाना उद्देश्य है. ऐसा करने वाला राजस्थान एकमात्र राज्य है. विभाग के माध्यम से गांधीजी की सोच युवाओं तक पहुंच रही है. जाने-माने गांधीवादी विचारक विभाग के कार्यक्रमों से जुड़ रहे हैं. इस बार के बजट में 25 करोड़ रुपए की लागत से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 2500 महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं संविधान केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है. महात्मा गांधी के नाम से मिनिमम गारंटी इनकम योजना शुरू कर आमजन को राहत पहुंचाने की कोशिश की गई है.
वेबसाइट पर गांधीजी से जुड़ी जानकारियां
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राज्य में महात्मा गांधी के दर्शन का प्रचार-प्रसार और सामाजिक सद्भावना की स्थापना के उद्देश्य से शांति एवं अहिंसा विभाग की वेबसाइट तैयार की है. वेबसाइट पर आमजन के लिए महात्मा गांधी की जीवन यात्रा, संदेशों, दर्शन एवं आदर्शों को सीखकर जीवन में आत्मसात करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाई हैं. वेबसाइट से विभाग की विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी मिल सकेगी. शांति और अहिंसा विभाग के निदेशक डॉ. मनीष शर्मा ने कहा कि राज्य के 15 जिलों में गांधी जीवन दर्शन प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए हैं. जल्द ही आयोजन सभी जिलों में किया जाएगा.
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि महात्मा गांधी के आदर्शों को आमजन तक पहुंचाने और समाज में सामाजिक सौहार्द्र स्थापित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से काम कर रही है. राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के बल पर साम्राज्यवादी ताकतों से लड़ाई लड़ी. शांति और अहिंसा विभाग के माध्यम से युवा पीढ़ी को गांधीवादी विचारों से जोड़ने का काम किया जा रहा है. कार्यक्रम में पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, शांति एवं अहिंसा विभाग के शासन सचिव नरेश कुमार ठकराल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. विभिन्न गांधीवादी विचारक भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े.