(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: स्कॉलरशिप योजना के लिए केंद्र से नहीं आया पूरा अंशदान, CM गहलोत ने PM मोदी को चिट्ठी लिखकर दिलाया याद
Rajasthan News: सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को स्कूली छात्रों के मुद्दे पर चिट्ठी लिखी है. सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को चिट्ठी में लिखा है कि केंद्र की ओऱ से छात्रवृत्ति की बकाया राशि नहीं भेजी गई है.
CM Ashok Gehlot Writes Letter to PM Modi: राजस्थान (Rajasthan) में चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) की गहलोत सरकार कई योजनाओं को लेकर केंद्र सरकार को घेर रही है. अब सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को अनुसूचित जनजाति उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना की बकाया राशि जारी करने के लिए चिट्ठी लिखी है. सीएम ने केंद्र की ओऱ से छात्रवृत्ति की 730.81 करोड़ रुपए बकाया राशि जारी कराने का अनुरोध किया है.
सीएम गहलोत ने लिखा है कि अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना संचालित की जा रही है. योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार केंद्र और राज्य के बीच 75ः25 का अनुपात निर्धारित है. राज्य में हर साल इस योजना के अंतर्गत लगभग तीन लाख आवेदन आते हैं जिनके भुगतान के लिए 400 करोड़ रुपये की जरूरत होती है. इस राशि में करीब 300 करोड़ रुपए केंद्रीय अंश होता है.
केंद्र ने जारी किए केवल 77.81 करोड़
चिट्ठी में लिखा गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य को इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों के आधार पर 380.26 करोड़ रुपए (केंद्रीय अंश राशि 285.20 करोड़ रुपए) की मांग निर्धारित थी. जिसपर केंद्र द्वारा मात्र 77.81 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्राप्त आवेदन और पूर्व के बकाया आवेदनों के निस्तारण के लिए 430.81 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2023-24 के आवेदनों के केंद्र सरकार के हिस्से के 300 करोड़ रुपये सहित कुल 730.81 करोड़ रुपये की राशि बकाया है. उन्होंने प्रधानमंत्री से बकाया राशि को शीघ्र से जारी किए जाने की अपील की है ताकि राज्य के अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा सके.
वित्तीय बजट में होता था जारी
गहलोत ने कहा कि विद्यार्थियों की शिक्षा को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए सहायता राशि समय पर जारी किया जाना जरूरी होता है. उन्होंने लिखा कि राज्य का बजट वित्तीय वर्ष के शुरुआत में ही आवंटित कर दिया जाता है. ऐसे में केंद्र सरकार के हिस्से की राशि के समय पर नहीं होने से राज्य सरकार को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.
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