Rajasthan News: राजस्थान को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ‘हील इन राजस्थान‘ पॉलिसी लायेगी. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पॉलिसी तैयार कर ली है. पॉलिसी के प्रारूप पर शनिवार को सभी हितधारकों से विस्तृत चर्चा कर सुझाव लिए गए. सुझावों के आधार पर नीति को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा. उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने की.


शुभ्रा सिंह ने कहा कि बैठक में मेडिकल वेल्यू ट्यूरिज्म बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ. राजस्थान सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात कर रही है. इस वर्ष के बजट में स्वास्थ्य को को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गयी है.


कुल बजट का 8.26 प्रतिशत प्रावधान स्वास्थ्य के लिए किया गया है. स्वास्थ्य के लिए अब तक का सबसे ज्यादा बजट है. उन्होंने बताया कि चिकित्सा के क्षेत्र में आधारभूत ढांचे का तेजी से विकास किया जा रहा है. विश्व स्तरीय संस्थानों का निर्माण हो रहा है.


राजस्थान मेडिकल टूरिज्म की नई ऊंचाइयों पर कैसे पहुंचेगा?


अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि स्वाई मानसिंह अस्पताल में आयुष्मान टॉवर का निर्माण, दो मेडिसिटी एवं मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना, हर जिले में मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज, टेलीमेडिसिन को बढ़ावा, निजी क्षेत्र में भी कई उच्च श्रेणी के चिकित्सा संस्थानों की एंट्री से राजस्थान मेडिकल टूरिज्म की नई ऊंचाइयां छुएगा. शुभ्रा सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में भी पोर्टेबिलिटी का प्रावधान होने से दूसरे राज्यों के रोगी राजस्थान आ सकेंगे.


चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव से जानें 


शुभ्रा सिंह के मुताबिक प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का निरंतर उत्थान, वाजिब दरों पर इलाज से मेडिकल टूरिज्म की संभावनाएं तेजी से विकसित हुई हैं. नीतिगत निर्णयों के माध्यम से राज्य सरकार इन संभावनाओं को और अधिक विस्तार देना चाहती है. 


उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनने से राजस्थान को और भी लाभ होंगे. राजस्थान में निवेश और रोजगार के भी बडे़ अवसर पैदा होंगे. फार्मा, होटल व्यवसाय सहित अन्य उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा. हील इन राजस्थान पॉलिसी इन संभावनाओं को धरातल पर लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. 


बैठक में चिकित्सा के क्षेत्र से जुडे़ विशेषज्ञों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए. मेडिकल टूरिज्म बढ़ाने के लिए राजधानी समेत अन्य जिलों में भी उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने, सड़क एवं एयर कनेक्टिविटी को बेहतर करने पर बात हुई. चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अवसर बढ़ाने, रोगियों और परिजनों के लिए आवास की समुचित सुविधाएं उपलब्ध करवाने, निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए नियमों को अनुकूल बनाने का भी सुझाव सामने आया. 


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