Udaipur News: उदयपुर के जिला कलेक्टर तारा चंद मीणा के नवाचार 'मिशन कोटड़ा' का गुरुवार को समूचे राजस्थान में डंका बजा. कलेक्टर मीणा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और मुख्य सचिव उषा शर्मा ने राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सार्वजनिक सेवा उत्कृष्टता पुरस्कार (CM Excellence Award) से सम्मानित किया. कलेक्टर को प्रशस्ति पत्र देकर और शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया.
इतना पढ़ने के बाद अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर 'मिशन कोटड़ा' है क्या.आपको बता दें कि कोटड़ा सबसे सुदूर जनजाति क्षेत्र है.यह एक ऐसा क्षेत्र ऐसा है, जहां कोई अधिकारी पोस्टिंग नहीं चाहता है.यहां तक कि कई कलेक्टर हुए जो यहां अपना पूरा कार्यकाल निकाल लेते हैं लेकिन एक भी बार कोटड़ा नहीं जाते हैं. ऐसे में कलेक्टर ताराचंद मीणा ने अभियान चलाया. वहां पहुंचे और कई बार कोटड़ा में बैठकें लीं. आइये जानते हैं उन्होंने क्या कुछ दिया कोटड़ा को जिससे उन्हें सरकार ने सम्मानित किा मिला अवॉर्ड.
यह है मिशन कोटड़ा जिसके लिए मिला सम्मान :
उदयपुर जिले के आदिवासी ब्लॉक कोटड़ा के अभावों को दूर करने और आमजन में जागरूकता पैदा कर सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ दिलाने के उद्देश्य से कलेक्टर ने मिशन कोटड़ा आरंभ किया है. शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, रोजगार, स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण, परिवहन, कृषि और वन उत्पादों का विपणन,सिंचाई इत्यादि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं हैं. मिशन के तहत गांव-गांव में शिविर लगाकर ब्लॉक में छूटे हुए 1096 परिवारों के 2016 बच्चों को पालनहार योजना से जोड़ा गया है.
कोटड़ा ब्लॉक में 2814 व्यक्तियों को पेंशन सुविधा देते हुए 217 वंचित व्यक्तियों को दिव्यांग प्रमाण पत्र और 27 को सिलिकोसिस प्रमाण पत्र जारी कर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है.सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से निर्बाध इंटरनेट सेवा पहुंचाने के लिए गुजरात राज्य से रिंग कनेक्टिविटी दी गई है.बेहतर नेटवर्क के लिए बीएसएनएल के कुल 103 टावर्स की स्थापना की स्वीकृति दी गई. इसके अलावा 47 नए टावर्स के लिए भूमि का भी आवंटन किया गया है.आवागमन की सुविधा के लिए रोड़वेज की 5 बसें शुरू की गई हैं. आदिवासी कृषकों को उपज का पूरा दाम दिलाने के लिए कृषि उपज मंडी की शुरूआत भी हुई.
मिशन कोटड़ा में रखा सबका सम्मान
इसके अलावा पशुपालकों के लिए 10 डेयरी बूथ स्थापित किए गए हैं. औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए भूमि का आवंटन किया गया है. सालों से क्षतिग्रस्त पड़ी 50 किमी सड़क का डामरीकरण करवाया गया है. कोटड़ा क्षेत्र के सबसे पिछड़े राजस्व गांवों में घर-घर तक प्रशासन और ई-गवर्नेंस पहुंचाने के लिए गतिमान प्रशासन की दो बसों से योजनाओं का लाभ पहुंचाया गया है.
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