Ashok Gehlot On Sachin Pilot:  राजस्थान में प्रियंका गांधी के दौरे के दौरान सीएम गहलोत के साथ मुलाकात और बातचीत के बाद प्रदेश में सचिन पायलट को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है. अशोक गहलोत ने अपने आवास पर आए नागरिकों को संबोधित करते हुए सचिन पायलट को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सचिन पायलट के केंद्र में मंत्री बनने के पीछे की कहानी सुनाई और बताया कि कैसे उन्होंने केन्द्र में उनको मंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.
  

 

अशोक गहलोत ने कही ये बात

 

अशोक गहलोत ने कहा कि जब मैं दूसरी बार मुख्यमंत्री बना था तब राजस्थान में कई जगह जातीय संघर्ष था, उस समय वसुंधरा सरकार ने आरक्षण की माँग कर रहे गुर्जरों पर गोली चलायी थी. 74 गुर्जरों की उसमें मौत हो गई थी. राजस्थान में उस शासनकाल में एक ही जगह पर फ़ायरिंग की घटना हुई थी. गुर्जर-मीणा के बीच जातीय संघर्ष बन गया था. दोनों समाजों में एकता और सद्भाव के लिए भी मैंने कई क़दम उठाए थे. राजस्थान में उस समय लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को 20 सीटें मिली थी.

 

यूपीए सरकार में ऐसे बने थे मंत्री 

 

गहलोत ने आगे कहा कि पार्टी ने मंत्री बनाने के लिए मुझसे कई नाम मांगे थे, मैंने केंद्रीय नेतृत्व को उस समय मीणा समाज से नमोनारायण मीणा का नाम दिया था, लेकिन मेरा मानना था कि गुर्जर समाज से भी कोई मंत्री बनना चाहिए, इसलिए मैंने सचिन पायलट के नाम की सिफ़ारिश की. गुर्जर समाज से सचिन पायलट का नाम दिया था. बाद में सचिन पायलट का फ़ोन मेरे पास आया था. उन्होंने मुझसे मंत्री बनाने के लिए मदद करने का आग्रह किया था. मैंने उनसे कहा कि मैंने बिना आपके कहे ही आपके नाम को बढ़ाया है पर कभी इस बात की किसी से चर्चा नहीं की. 

 

 

गहलोत ने कहा कि हमेशा से मेरी कोशिश रही है कि 36 क़ौम को एक साथ लेकर चलूं. गुर्जर समाज को आरक्षण देने में कांग्रेस सरकार की अहम भूमिका रही है. उन्होंने बताया कि देवनारायण बोर्ड का गठन करने का फैसला भी हमारी सरकार का रहा है. मैं 3 बार मुख्यमंत्री रहा हूं, केंद्र में मंत्री रहा हूं, PCC अध्यक्ष रहा हूं, मैं मेरे जीवन में राजनीतिक तौर पर पूरी तरीके से संतुष्ट हूं. 

 

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