Rajasthan News: कोटा में हास्टल की छठीं मंजिल से गिरने से छात्र की मौत, जानें किस तरह हुआ यह हादसा
Rajasthan Crime News: मरने वाला छात्र इशांशु भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी का निवासी था. वह कोटा के जवाहर नगर इलाके में रहकर मेडिकल परीक्षा (NEET 2023) की तैयारी कर रहा था.
Kota News: अपने कोचिंग सेंटर के लिए मशहूर राजस्थान (Rajasthan) के शहर कोटा (Kota) में एक छात्र की मौत हो गई. वह छठी मंजिल से नीचे गिर गया था. यह हादसा उस समय हुआ, जब वह चप्पल पहनने का प्रयास कर रहा था और बैंलेस बिगड़ने से वह खिड़की के रास्ते नीचे गिर गया. मृतक छात्र पश्चिम बंगाल (West Bengal) के जलपाईगुड़ी (Jalpaiguri) का रहने वाला था. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है.
पुलिस ने क्या बताया है
पुलिस के मुताबिक मृतक छात्र 20 साल का इशांशु भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी का निवासी था. वह कोटा के जवाहर नगर इलाके में रहकर मेडिकल परीक्षा (NEET 2023) की तैयारी कर रहा था.पुलिस के मुताबिक इशांशु वात्सल्य रेजिडेंसी हॉस्टल में पिछले साल अगस्त से रह रहा था. उसका कमरा छठी मंजिल पर था.
पुलिस ने बताया कि हादसे की जानकारी मिलते ही स्टूडेंट भी मौके पर पहुंचे. वो घायल छात्र को एक निजी अस्पताल में ले गए, वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस ने छात्र के घर वालों को इसकी सूचना दे दी है. पुलिस का कहना है कि यह सुसाइड का मामला नहीं है, क्योंकि घटना का सीसीटीवी फुटेज भी है.इसमें इशांशु असंतुलित होकर गिरता नजर आ रहा है.
कैसे हुआ हादसा
मिली जानकारी के मुताबिक बालकनी विंडो की हाइट कम और कमजोर जाली के कारण यग हादसा हुआ. जिस इमारत में यह हास्टल है, वह 10 मंजिला है. हर मंजिल की बालकनी में एल्युमीनियम की जालियां लगाई गई हैं.बालकनी में बैठने का स्पेस भी है.मृतक के एक दोस्त के मुताबिक वे लोग बैठकर मोबाइल में गेम खेल रहे थे.गेम खत्म होने के बाद आपस में बातें करने लगे.इसके बाद वे वापस पढ़ाई करने के लिए कमरे में जाने के लिए खड़े हुए तभी यह हादसा हो गया. दोस्त ने बताया कि हम दौड़कर नीचे पहुंचे तो इशांशु के सिर से खून निकल रहा था.उसकी सांस उखड़ रही थी.
दोस्त ने बताया कि वो इशांशु को लेकर दादाबाड़ी स्थित एक अस्पताल पहुंचे.इशांशु को स्ट्रेचर पर लिटा कर अंदर ले जाने लगे,लेकिन वहां के स्टाफ ने उसे एडमिट करने से ही मना कर दिया.स्टाफ ने कहा कि बच्चे का इलाज यहां नहीं होगा.दोस्त का कहना था कि अगर उसे समय रहते वहां इलाज मिल जाता तो शायद उसकी जान बच जाती.
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