Anasagar Lake: अजमेर की नवनियुक्त जिला कलेक्टर डॉ. भारती दीक्षित पदभार संभालते ही एक्शन मोड़ में हैं. बुधवार को उन्होंने आनासागर का जायजा लिया और झील में उग आई जलकुंभी को हटाने के लिए ठेकेदार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया. साथ ही उन्होंने आनासागर के पास के नालों से आने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए निर्देश दिए. डॉ.दीक्षित ने नगर निगम के सीईओ सुशील कुमार के साथ शहर में स्मार्ट सिटी, आरएसआरडीसी एवं अन्य विभागों के कामों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान आनासागर की स्थिति में सुधार लाने के लिए निर्देश दिए.
स्मार्ट सिटी के कार्यों की समीक्षा
जिला कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में स्मार्ट सिटी अधिकारियों की बैठक ली. एलिवेटेड रोड के ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए कमेटी गठित कर आगामी 7 दिनों में रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया. नसियां के समीप नाले पर आ रही पाइप लाइन को हटाने के विकल्प तलाशने और यातायात व्यवस्था में आ रही परेशानियों के समाधान हेतु सुझावों पर चर्चा की.
जलकुंभी से झील के इकोसिस्टम को खतरा
जलकुंभी जलीय निकायों में पाया जाने वाला खरपतवार है, इसके बढ़ने से नदी, झील और नालों में सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता है जिससे झील में ऑक्सीजन की मात्रा में कमी हो जाती है. ऑक्सीजन की कमी से झील में पाए जाने वाली मछलियां, जलीय जीव मर जाते हैं इसलिए यह जलीय निकायों के इकोसिस्टम के लिए खतरा है.
आनासागर के संरक्षण को लेकर एनजीटी में चल रहा है मामला
आनासागर में गंदे नालों से आने वाले पानी और बदहाल स्थिति को लेकर समाजसेवी बाबूलाल साहू ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल याचिका दायर कर रखी है. कुछ दिनों पहले एनजीटी में आनासागर की अनदेखी पर जल संसाधन विभाग ने बचाव करते हुए नगर निगम की जिम्मेदारी बताई थी. आनासागर अजमेर के लिए ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है. जिसका निर्माण पृथ्वीराज चौहान के दादा अर्णोराज चौहान ने 1136-37 ईस्वी में करवाया था.
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