Bharat Jodo Yatra: राजस्थान में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का आज अंतिम दिन है. इसके बाद यह यात्रा कल हरियाणा में प्रवेश कर जायेगी. इस यात्रा से किसे कितना फायदा हुआ? इससे पार्टी को कितनी मजबूती मिली है ? राहुल गांधी का 'राजनीतिक चेहरा' बदला है या पहले जैसा ही रहा गया है. राजस्थान में कुल 520 किमी पैदल यात्रा में कुल 18 दिन लगे हैं और 6 जिलों को कवर किया है. अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) तो इस यात्रा को वरदान के रूप में देख रहे हैं. उन्होंने तो यह भी कहा है कि इस यात्रा का चुनाव में भी बहुत असर पड़ेगा.
राहुल की इमेज बदली लेकिन पार्टी को फायदा नहीं
वहीं राजस्थान राजनीति के जानकारों का कहना है कि इन 18 दिनों में बयानबाजी और गुटबाजी में कमी आई है. इससे पार्टी को फायदा होगा. कुछ जानकारों का कहना है कि इसका कई अन्य राज्यों में भी असर पड़ेगा. राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक मामलों के जानकार हरीश मलिक कहते हैं कि इस यात्रा से राहुल गाँधी की जो एक छवि बनी थी उसमें काफी परिवर्तन आएगा. कांग्रेस पार्टी को कोई फायदा नहीं मिलेगा. राजस्थान में इन्हे तब फायदा मिलेगा जब इनकी आपस की लड़ाई खत्म होगी.
राहुल गांधी की इस यात्रा से चुनाव पर भी कोई असर नहीं पड़ने वाला है. मलिक कहते है कि असर तब समझा जाता जब और भी छोटे दल या बड़ा चेहरा कोई यात्रा में शामिल होता. लेकिन पार्टी को इस बार विचार करना होगा कि यात्रा जाने के बाद भी सब कुछ शांत रहे.
वहीं वरिष्ठ पत्रकार विनोद पाठक का मानना है कि राहुल के व्यक्तित्व में बड़ा बदलाव आया है. इसका बड़ा उदाहरण है कि राहुल अब अकेले मंच पर बोल रहे हैं. बिना दूसरे के सहारे के ही. राहुल के भाषण में आत्मविश्वास दिख रहा है. पाठक का यह भी कहना है कि राहुल के व्यक्तित्व में आया बदलाव कितने दिन टिकता है यह भी एक बड़ा सवाल है. यात्रा का चुनाव में कितना असर पड़ेगा यह अभी कह पाना मुश्किल है. यात्रा का असर दूर तक और लम्बे समय तक रहता है
वरिष्ठ पत्रकार और यात्रा को करीब से देखने वाले अरविंद चोटिया का कहना है कि यात्रा का विचार कमाल है. राजस्थान में बिना किसी रुकावट के अनवरत चल रही है. यह एक अच्छा संकेत दे रही है. राजस्थान में सबसे बड़ा फायदा पार्टी को यह मिला है कि जब से यात्रा आई है तब से रोज हो रही बयानबाजी बंद हो गई है. एकदम से अंकुश लग गया है. देखने में लगता है कि जैसे कोई बड़ा अनुशासन लगा दिया है. राहुल गांधी बदले-बदले नजर आने लगे हैं. अब बस इतना ही देखना है कि यात्रा के जाने के बाद पार्टी कैसा व्यवहार करती है यह बहुत देखने वाली बात होगी.
लोगों ने राहुल को जाना है और राहुल ने भारत को
वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ का कहना है कि यात्रा का लाभ मिलता है. कोई भी यात्रा करें. यात्रा के जरिये भारत ने राहुल को जाना है और राहुल ने भारत को जाना है. हजारों पेज पढ़ने के बाद भी आप जो नहीं जान सकते हो वो यात्रा से जान जाओगे. यात्रा के जरिये राहुल गाँधी ने भारत की आत्मा से साक्षात्कार किया है. इससे राहुल गाँधी में आत्मविश्वास बढ़ा है. इस यात्रा का लाभ राहुल गांधी को भी लाभ मिलेगा और पार्टी भी मजबूत होगी. इस यात्रा में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी शामिल हुए हैं जो कांग्रेस के नहीं है और शामिल हुए हैं. इसका बड़ा लाभ मिलेगा.
कार्यकर्ताओं को जगाने और मजबूत करने का प्रयास
इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने यह प्रयास किया है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश जगाया जाए. उन्हें उत्साह भरा जाए. इससे आने वाले चुनाव में लाभ मिलेगा. इसीलिए अलवर में जब यात्रा पहुंची तो वहां पर राहुल गाँधी ने कार्यकर्ताओं के लिए कहा कि उनकी आवाज सरकार में सुनाई देनी चाहिए. हर सरकारी ऑफिस में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आवाज और पहचान बननी चाहिए. इन बातों और राहुल गांधी ने जोर देकर बोला है.
राजस्थान में यह रहा रूट
राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा झालावाड़ से 4 दिसम्बर शाम को प्रवेश की. इसके बाद कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा और अलवर होते हुए हरियाणा में जा रही है. कुल 18 दिन तक यह यात्रा रही. इस दौरान सरकार और संगठन के लोग डटे रहे. कुल 520 किमी की यात्रा हुई है. एक बात और दिखी है की ज्यादातर यात्रा का भाग बीजेपी के गढ़ में रहा है.