Bharat Jodo Yatra: क्या राजे का गढ़ भेद पाएंगे राहुल? झालावाड़ से राजस्थान में होगी भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री
Bharat Jodo Yatra: मध्य प्रदेश की सीमा तक राहुल गांधी के साथ वहां के दोनों पूर्व CM दिग्विजय और कमलनाथ भी आएंगे. दिग्विजय राजस्थान में यात्रा के साथ रहेंगे जबकि कमलनाथ वापस लौट जाएंगे.
Rajasthan News: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) राजस्थान में 3 दिसंबर को प्रवेश करेगी. यह यात्रा तीन दिन पहले ही पहुंच रही है. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) इस यात्रा की अगवानी करेंगे. वहीं यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए राहुल के प्रतिनिधि सुशांत मिश्रा और उनकी टीम झालावाड़ (Jhalawar) पहुंच चुकी है और यात्रा के रूट की रूपरेखा बनाई जा रही है. झालावाड़ के पीपाड़ा क्षेत्र से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में 3 दिसंबर की रात को प्रवेश करेगी.
इसे लेकर प्रतिनिधि सुशांत मिश्रा के साथ ही खान मंत्री प्रमोद जैन भाया पर यात्रा की तैयारियों का जिम्मा है. तीनों शनिवार और रविवार को बारां-झालावाड़ में ही रहेंगे. झालावाड़ जिले में यात्रा के प्रवेश करने पर राजस्थान-मध्य प्रदेश सीमा पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद यात्रा का स्वागत करेंगे. उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री, विधायक और अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे. वे मध्य प्रदेश की सीमा तक जाएंगे.
ये बड़े नेता रहेंगे मौजूद
झालावाड़ जिले की राजस्थान-मध्य प्रदेश सीमा पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद यात्रा का स्वागत करेंगे. उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री, विधायक और अन्य राज्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे. मध्य प्रदेश की सीमा तक राहुल के साथ वहां के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी आएंगे. दिग्विजय सिंह राजस्थान में यात्रा के साथ रहेंगे और कमलनाथ वापस मध्य प्रदेश लौट जाएंगे.
मिलेंगे छात्रों से भी
यात्रा के दौरान राहुल गांधी के जयपुर आने का भी कार्यक्रम बन सकता है. इस बारे में अभी राजस्थान पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ का दिल्ली में मंथन चल रहा है. कांग्रेस पार्टी विभिन कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं से भी उनकी मुलाकात करवाएगी. इसके लिए जल्द ही एनएसयूआई के प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. राहुल गांधी की युवाओं के बीच खासी लोकप्रियता है. जैन, जाट और राठौड़ हैं. ऐसे में पार्टी चाहती है कि राहुल को युवाओं से फीडबैक भी मिले और युवाओं के बीच उनका संदेश भी जाए.
गुटबाजी पाटने की होगी कोशिश
कांग्रेस पार्टी और गहलोत सरकार इस यात्रा के माध्यम से जनता के बीच लगातार यह संदेश भी देना चाहेगी कि वो एकजुट हैं और सरकार या पार्टी में कहीं कोई गुटबाजी का माहौल नहीं है. इसके लिए 3 दिसंबर से यात्रा में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी शामिल होंगे. अभी तक दक्षिण भारत के राज्यों केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में राहुल की यात्रा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट दो-दो बार शामिल हो चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में जब यात्रा गुजरेगी तब गहलोत, चौधरी के अलावा पायलट ही विभिन्न स्थानों पर राहुल के साथ नजर आएंगे.
राजे के गढ़ को भेदने की तैयारी
झालावाड़-बारां संसदीय सीट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ माना जाता है. पिछले नौ लोकसभा चुनावों में वहां कांग्रेस हार रही है. पांच बार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और चार बार से लगातार उनके पुत्र दुष्यंत सिंह (1989 से 2019 से अब तक) सांसद हैं. राजे 1999 से 2002 के बीच केन्द्र में मंत्री भी रही थीं. वे अभी लगातार चार बार से इसी क्षेत्र झालरापाटन (झालावाड़) से विधायक भी हैं.
हाल के चार दशकों में 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने राजस्थान में 25 में से 21 सीटें जीतने का शानदार प्रदर्शन किया था. बीजेपी तब केवल चार सीटें जीत पाई थी, उनमें से एक सीट झालावाड़-बारां थी. यात्रा के दौरान कांग्रेस राजे के गढ़ में सेधमारी करने की कोशिश करेगी. यात्रा के दौरान होने वाली सभाओं में राहुल, मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी राजे और बीजेपी की नीतियों पर जमकर प्रहार करेंगे, ताकि 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस को क्षेत्र में मजबूती मिल सके.