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बांसवाड़ा में नामांकन वापस नहीं लिया तो कांग्रेस ने पार्टी से निकाला, अब अरविंद डामोर ने एक्शन पर क्या कहा?
Banswara Lok Sabha Seat: अरविंद डामोर को भले ही कांग्रेस ने पार्टी से बाहर निकाल दिया हो लेकिन वे पार्टी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे. अरविंद डामोर ने कहा कि मैं डंके की चोट पर चुनाव लड़ूंगा.
![बांसवाड़ा में नामांकन वापस नहीं लिया तो कांग्रेस ने पार्टी से निकाला, अब अरविंद डामोर ने एक्शन पर क्या कहा? Congress candidate Arvind Damor expelled from party BAP alliance in Banswara Lok Sabha Seat ann बांसवाड़ा में नामांकन वापस नहीं लिया तो कांग्रेस ने पार्टी से निकाला, अब अरविंद डामोर ने एक्शन पर क्या कहा?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/09/6b44db0672320edec41491dd9747d8761712635515046304_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
अरविंद डामोर को कांग्रेस ने पार्टी से निकाला
Source : विपिन सोलंकी
Rajasthan Lok Sabha Election 2024: वागड़ (डूंगरपुर-बांसवाड़ा) की राजनीति में भारी उठापटक चल रही है. ऐसा पहली बार हुआ होगा कि प्रत्याशी पार्टी का कहलाएगा लेकिन पार्टी उसके साथ नहीं होगी. यानी अरविंद डामोर कांग्रेस के सिंबल के साथ मैदान में जरूर हैं लेकिन पार्टी इनके विरोध में है और आदिवासी पार्टी का समर्थन कर रही है.
नामांकन वापसी नहीं करने पर कांग्रेस ने अरविंद डामोर को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. ऐसे में वह मीडिया के सामने आए और अपनी बात रखी. अरविंद ने कहा कि मुझे बेवकूफ बनाकर फार्म ही क्यों भरवाया. 17 साल का राजनीतिक करियर दांव पर लगा है.
दरअसल, कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी के बीच गठबंधन की अटकलें चल रही थीं. नामांकन के अंतिम दिन चार अप्रैल को अंतिम समय दोपहर तीन बजे से 15 मिनट पहले कांग्रेस ने अरविंद डामोर को प्रत्याशी घोषित किया और नामांकन भरवाया. नामांकन वापसी के अंतिम दिन से पहले रात को कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट का लिखा कि आदिवासी पार्टी से गठबंधन होगा. अगले दिन आठ अप्रैल के दोपहर तीन बजे तक अरविंद डामोर नामांकन वापस करने नहीं आए. इसको लेकर पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया.
रात को मीडिया के सामने आए अरविंद डामोर
दिनभर कांग्रेस का यह घटनाक्रम चलता रहा. इसके बाद अरविंद डामोर मीडिया के सामने आए और अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि पार्टी को नामांकन वापिस लेना था तो मुझे पहले ही बता देते. अर्जुन सिंह बामनिया के कहने पर मैंने फार्म भर दिया. पार्टी ने भले ही निष्कासित कर दिया लेकिन पार्टी का सिंबल मेरे साथ है. निष्कासन की जगह पार्टी बलिदान भी मांगती तो देता लेकिन अब तीर कमान से निकल चुका है.
उन्होंने कहा, "आज अगर घर बैठ जाता तो क्षेत्र के युवा, विद्यार्थी, बुजुर्ग कहेंगे कि हमारे लिए आवाज उठाई और फिर खुद ने पैर पीछे खींच लिए. मुझे बेवकूफ बनाकर फार्म भरवाए, पहले बताया नहीं. मेरा 17 साल का राजनीतिक करियर क्यों दांव पर लगाया. लोकतंत्र को बचाना ही है तो भारत आदिवासी पार्टी कांग्रेस को समर्थन देती, कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है. मैं डंके की चोट पर चुनाव लडूंगा."
वहीं नेताओं से संपर्क नहीं होने को लेकर अरविंद डामोर ने अपने सफाई में कहा कि मैं ऐसे इलाकों में प्रचार पर गया था जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं था. हमारे पार्टी के नेताओं ने संपर्क किया होगा लेकिन नहीं हुआ.
इधर पार्टी के जिलाध्यक्ष रमेश पंड्या का कहा है कि अरविंद को पार्टी से निष्काशित कर दिया है. आलाकमान के आदेश पर पार्टी भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन के अनुरूप ही चुनाव लड़ रही है.
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