Rajasthan News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले एक राजनीतिक रस्साकशी कांग्रेस (Congress) में दिख रही है. जब से कैबिनेट मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने अपने मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दिया है तब से राजनीतिक वाद-विवाद शुरू हो गए हैं. महेश जोशी का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है, लेकिन कल कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) के नए बयान ने एक बार से शांत हो रही राजनीति की धूल को फिर से उड़ा दिया है.


इसका असर भी दिखने की संभावना है. प्रताप ने पत्रकारों का जवाब देते हुए कहा जहां मुख्यमंत्री जी की मेहरबानी हो, वो चाहे जब इस्तीफा दें? उन्होंने कहा कि एक कहावत है कि समरथ को नहीं दोष गोसाईं. उन्होंने इशारों में ही सही, महेश जोशी को अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का खास बता दिया है. वहीँ एक गुट महेश जोशी के इस इस्तीफे को बड़ा मान रही है तो दूसरा गुट इसे कमजोर आंक रहा है.


'किसी को नहीं पता जोशी के पास दो पद हैं'


कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कल कहा कि महेश जोशी को एक साल पहले इस्तीफा दे देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने आज काम किया है तो इसमें कुछ नई बात नहीं है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. जब रघु शर्मा और हरीश चौधरी अलग-अलग राज्यों के प्रभारी बने तो दोनों ने यहां पर इस्तीफा दिया. उसी समय महेश जोशी को भी इस्तीफा दे देना चाहिए था. लेकिन ये एक साल से चला आ रहा है. किसी को पता भी नहीं था कि महेश जोशी के पास दो पद हैं. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मैं क्या कहूं? महेश जी मेरे खास हैं. भाई वो कहते हैं न कि समरथ को नहीं दोष गोसाईं'. खाचरियावास ने कहा कि महेश जी का मैं सम्मान करता हूं. अब दो दिन के लिए विधानसभा और चलेगी इसमें कुछ नहीं होने वाला. कोई नया मुख्य सचेतक बन जाएगा.


महेश जोशी क्यों हैं चर्चा में ?


गहलोत के खास मंत्री महेश जोशी आखिर क्यों चर्चा में है. दरअसल, 25 सितम्बर 2022 को जयपुर में जो हुआ उसे लेकर एक गुट महेश जोशी पर कार्रवाई की मांग कर रहा है. वहींं अब जब महेश जोशी ने इस्तीफा दिया है तो इसे कार्रवाई का दबाव बनाया जा रहा है. जोशी कांग्रेस के प्रमुख नेता है. वहीं इस इस्तीफे को मुख्यमंत्री ने मंजूर कर दिया है.


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