Rajasthan Politics: राजस्थान में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे ही कांग्रेस और बीजेपी के नेता मैदान में उतर खुलकर बयानबाजी करने लगे हैं. सीएम की गद्दी पर कौन बैठेगा? इसे लेकर राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी भी साफ तौर पर देखी जा सकती है. बीते दिनों पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने खुलकर पेपर लीक को लेकर अपनी ही सरकार पर हमला बोला था, तो सीएम गहलोत ने 'सौ सुनार की एक लोहार की' कहावत को सच साबित करते हुए सचिन पायलट व पायलट गुट के समर्थक नेताओं पर जोरदार हमला बोला था, जिससे पायलट गुट के दावों की हवा निकलती नजर आ रही है. सियासी दांवपेच खुलकर सबके सामने आ चुके हैं. सीएम गहलोत 2023 में फ्रंटफुट पर खेलने के मूड में नजर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है वे सचिन पायलट को जीरो पर आउट करेंगे या एक भी रन नहीं बनाने देंगे.
फ्रंटफुट पर खेल रहे सीएम गहलोत
2023 विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू होते ही सियासी पिच पर 'जादूगर' सीएम गहलोत अब फ्रंटफुट पर खेलते नजर आ रहे हैं. सचिन पायलट गुट के हर जुबानी हमले के जवाब में सीएम गहलोत ने कह दिया है कि 2018 में कांग्रेस की जीत व सरकार मेरे कारण बनी थी. साथ ही 2023 में जीत के लिए मास्टरस्ट्रोक चलते हुए 156 का लक्ष्य हासिल करने का दांव खेल दिया. इस दांव के आगे पायलट गुट चारों खाने चित होता नजर आ रहा है. सीएम अशोक गहलोत अपनों के विरोध के आगे कभी दबाव में नजर नहीं आए. वे पहले भी कई बार तीखे हमले कर चुके हैं. वे सचिन पायलट पर नकारा, निकम्मा, गद्दार, कोरोना और सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने के आरोप लगा चुके हैं.
सीएम गहलोत का तीर निशाने पर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2023 में कांग्रेस सरकार रिपीट होने का दावा कर रहे हैं. साथ ही अपने बजट की जन कल्याणकारी योजनाओं के आधार पर जनता के पास जाने को तैयार हैं. उनका दावा है कि राज्य सरकार के खिलाफ जनता में किसी भी तरह का असंतोष नहीं है. सीएम गहलोत, आलाकमान और अपनी ही पार्टी के नेताओं के साथ विपक्ष के निशाने पर होने के बावजूद किसी तरह के दबाव में नजर नहीं आ रहे हैं और अकेले ही इसका सामना कर रहे हैं. सीएम की तरफ से निकलने वाला हर तीर सही निशाने पर लग रहा है.
पायलट गुट बोल रहा सीएम पर हमला
वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी लगातार किसान सम्मेलन को लेकर प्रदेश के कई जिलों में रैलियां व सभाएं कर रहे हैं. वे भारी भीड़ इक्क्ठा करने में कामयाब भी दिख रहे हैं. पहले सीएम गहलोत के करीबी रहे हरीश चौधरी पायलट गुट में शामिल हुए हैं. पायलट गुट में शामिल राजेंद्र सिंह गुढ़ा, हेमाराम चौधरी व अन्य नेता मुखर होकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर लगातार जुबानी हमला बोल रहे हैं. सचिन पायलट गुट अपनी ही सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. वहीं सचिन पायलट व पायलट गुट के नेता 2018 में सरकार में आने का श्रेय खुद ले रहे हैं.
ये नेता भी बोल चुके हैं सीएम के खिलाफ
राजस्थान सरकार के मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा पहले भी दावे कर चुके हैं कि सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाया गया तो एक फॉर्चूनर में आये जितने विधायक ही जीतेंगे. बायतु विधायक हरीश चौधरी ने कुछ दिन पहले कहा था कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी व हनुमान बेनीवाल सीएम गहलोत की प्रायोजित पार्टी है. राजस्थान सरकार के मंत्री हेमाराम चौधरी ने पीएम मोदी के गुजरात विधानसभा चुनाव में लिए गए फैसलों की तारीफ की और कहा कि हम बोलेंगे तो हमारी भी सीडी बाहर आ जाएगी.