Rajasthan Politics: कांग्रेस (Congress) नेता और टोंक विधायक सचिन पायलट (Sachin Pilot) इन दिनों राजस्थान (Rajasthan) के कई जिलों की राजनीतिक जनसंपर्क यात्रा पर हैं. नागौर और हनुमानगढ़ जिलों में आयोजित जनसभाओं में पायलट ने प्रदेश में हुए पेपर लीक (Paper Leak) मामलों पर चिंता जताई. इस दौरान उन्होंने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले नेता हो या अधिकारी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. किसी भी सूरत में नौजवानों के साथ विश्वासघात बर्दाश्त नहीं करेंगे.
नेता-अधिकारी को सूद समेत मिलेगी सजा
पायलट ने कहा कि "बच्चे मेहनत करते हैं, पैसे इकट्ठा करके किताब खरीदते हैं, पढ़ाई करते हैं और परीक्षा देते हैं. फिर उन्हें पता चलता है कि पेपर लीक हो गया या परीक्षा रद्द हो गई. जब परीक्षा रद्द होती है तो वो भी दुखी होते हैं और हम भी दुखी होते हैं. ये बात सरकार भी बोलती है. मुझे खुशी है कि सरकार ने कार्रवाई की और कुछ लोगों को पकड़ा है, लेकिन एक के बाद एक प्रकरण हो रहे हैं. इससे मन आहत होता है. हमें पुख्ता इंतजाम करना होगा. लोगों का विश्वास जीतना होगा कि कोई कितना भी बड़ा ताकतवर व्यक्ति हो, किसी भी पद पर हो, नेता हो या अधिकारी, किसी दल का क्यों न हो, अगर बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करेगा तो उसको हम कभी नहीं बख्शेंगे. उसको सूत समेत सजा मिलेगी."
'किसानों के दर्द से हूं वाकिफ'
पायलट बोले, "मैं सभी नेताओं से कहूंगा कि सरकार कांग्रेस की भी आई है और बीजेपी की भी आई है. देखना यह होगा कि किसान के जीवन को बेहतर करने के लिए किस हद तक कामयाब हुए. ये हमको सोचना होगा. हम सबको आत्मचिंतन करना होगा कि हम किसके लिए राजनीति करते हैं. मेरे दादाजी फौज में हवलदार थे. मेरे स्वर्गीय पिताजी पहले एयर फोर्स में थे. मैं गांव में नहीं रहा, गांव में पैदा नहीं हुआ, क्योंकि पिताजी अधिकारी बन गए थे तो हम सब अलग-अलग जगह पोस्टिंग में जाते थे, लेकिन गांव में किसानों के ऊपर क्या बीत रही है, यह हम जानते हैं. अपनी बच्ची के पीले हाथ करने के लिए किसान को कहां-कहां भटकना पड़ता है. किन-किन से पैसे उधार लेने पड़ते हैं. किन-किन लोगों के सामने उन्हें हाथ जोड़ने पड़ते हैं, उन व्यथाओं से हम अच्छी तरह से वाकिफ हैं."
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'जीवन बेहतर बनाने का लें संकल्प'
पायलट ने नेताओं को नसीहत दी कि "राजनीति में हम लोग काम करते हैं, तो उन किसान भाईयों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए संकल्प हम सब को लेना होगा. हम सिर्फ भाषण दें, घोषणा करें, तो जीवन में उसका कोई मतलब नहीं है. जब-जब मुझे मौका मिला, मैंने पूरी कोशिश की किसानों, नौजवानों की उम्मीदों पर खरा उतरे. नौजवानों को ताकत दें. इस देश की एक तिहाई आबादी नौजवानों की है. 35 से 40 साल की कम उम्र के लोगों का जीवन को कैसे बेहतर बनाएं, उनको रोजगार के साधन कैसे उपलब्ध कराएं."
बीजेपी ने किसानों से की वादाखिलाफी
सचिन ने कहा कि आजकल किसान अपने बच्चों को किसान नहीं बनाना चाहते हैं. इसकी वजह है किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है. इस देश का पेट पालने वालों के मान-सम्मान में कमी आएगी तो देश के मान-सम्मान में कमी आएगी. पायलट ने वादा किया कि वो जयपुर जाकर पाले से सरसों की फसल को हुए नुकसान की बात प्रदेश के अधिकारियों और सरकार के सामने रखेंगे और किसानों के लिए मुआवजे की मांग करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन नहीं कर पाई. आज किसानों पर महंगाई की मार पड़ रही है. मोदी सरकार तीन काले कानून लेकर आई, लेकिन किसानों के आंदोलन के आगे झुकते हुए सरकार को कानून वापस लेना पड़ा और देश से माफी मांगनी पड़ी.