Shanti Dhariwal on Rajasthan Assembly Session: राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने बीजेपी की नवनिर्वाचित भजनलाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कोटा उत्तर विधानसभा से कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर सदन में बोलने के लिए उचित समय नहीं देने का आरोप लगाया. बीते 20 से 21 दिसंबर को दो दिवसीय राजस्थान विधानसभा सत्र आयोजित किया गया था.
इस दो दिवसीय सत्र का हवाला देते हुए शांति धारीवाल ने पत्र के जरिए कहा कि "विधि सम्मत विधानसभा का सत्र नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग की अवहेलना भी की गई." शांति धारीवाल के मुताबिक, 16वीं विधानसभा का सत्र 20 दिसंबर 2023 को राज्यपाल द्वारा 24 घंटे की अल्प सूचना पर मंत्रिमण्डल के गठन के बिना बुलाया गया है. जो संविधान के आर्टीकल 164 (1 ए) का उल्लंघन है. यह सुस्थापित परम्परा है कि विधानसभा की बैठक मंत्रिमण्डल की सलाह से बुलाई जाती है.
'विधानसभा सत्र विधिसम्मत नहीं'
पत्र में यह भी कहा गया कि संविधान के आर्टीकल 164 (1 ए) में यह प्रावधान है कि किसी राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या बारह से कम नहीं होगी. जबकि वर्तमान में राजस्थान में मुख्यमंत्री सहित केवल दो उप मुख्यमंत्री हैं. मंत्रिमण्डल का गठन ही नहीं हुआ है. ऐसी स्थिति में मंत्रिमण्डल का गठन किए बिना केवल तीन मंत्रियों द्वारा राज्यपाल को विधानसभा की बैठक बुलाने का परामर्श देना संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है. राजस्थान विधानसभा का 20 और 21 दिसंबर 2023 को जो सत्र बुलाया गया था वह विधिसम्मत नहीं है.
'दो या तीन मंत्रियों से मंत्रिमण्डल नहीं माना जा सकता पूरा'
पूर्व संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने कहा हैं कि 20 दिसंबर 2023 को विधानसभा सत्र प्रारम्भ होते ही मैंने इस ओर आसन का ध्यान दिलाने का प्रयास किया था, लेकिन मुझे बात पूरी करने का मौका नहीं दिया गया. कानून का हवाला देते शांति धारीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है कि केवल दो या तीन मंत्रियों का मंत्रिमण्डल में होने से पूरा मंत्रिमण्डल नहीं माना जा सकता.
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