Barmer News: बाड़मेर की बायतु सीट से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने एक बार फिर अपनी ही प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. राजस्थान सरकार ने मेरे खिलाफ सीबीआई जांच का प्रस्ताव दिया था. केंद्र सरकार ने मेरे खिलाफ एक बार नहीं बल्कि तीन दफे जांच करवाईएक दफा जांच करवाई. उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. चौधरी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान आयोजित एक जनसभा में यह बात कही.
अपने विरोधियों पर उठाए सवाल
हरीश चौधरी ने अपने चुनावी क्षेत्र में एक सभा में कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि बायतु में विवाद हो, लेकिन तय आप लोगों को करना है कि बायतु के अंदर विवाद होना चाहिए या नहीं.उन्होंने कहा कि लोगों को मेरे साथ जो करना है, वो करें, उसकी उन्हें पूरी छूट है. मेरे खिलाफ लोगों को जो करना था किया. सरकारों को जो करना थास वो किया. उन्होंने कहा कि अब सरकार को भी मेरी तरफ से कोई शिकायत नहीं है. उन लोगों से भी मुझे कोई शिकायत नहीं है, जिन्होंने मेरी जांच करवाई.
उन्होंने कहा कि मेरी जांच सीबीआई करवाई गई. राजस्थान सरकार ने भी मेरे खिलाफ सीबीआई की सिफारिश का प्रस्ताव दिल्ली को भेजा था. इस पर दिल्ली की सरकार ने मेरी सीबीआई जांच करवाई. मैं यह कहता हूं कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता है. एक दफा नहीं तीन दफा सीबीआई से जांच करवा दी गई है, लेकिन अगर मैं गलत हूं तो मुझे कोई बचा नहीं सकता.
हनुमान बेनीवाल पर ऐसे साधा निशाना
इस दौरान हरीश चौधरी ने इशारों ही इशारों में हनुमान बेनीवाल पर निशाना साधा.उन्होंने कहा कि मेरी ससुराल बेनीवालों में हैं. मेरा जमाई का अधिकार जो है, वो तो रहेगा, लेकिन वोट देने का अधिकार संविधान देता है. वोटर वोट उसी को देते हैं, जो उनके दिल में होता है. वोट देते समय वो ना दोस्ती ना रिश्तेदारी ना ही परिवार का बस चलता है.
गौरतलब है कि हरीश चौधरी कभी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी हुआ करते थे. लेकिन पिछले कुछ समय से गहलोत के धुर विरोधी हो गए हैं. वो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और उसके प्रमुख हनुमान बेनीवाल को अशोक गहलोत की बी टीम बताते हैं. हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण को लेकर भी अपनी ही सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया था. हनुमान बेनीवाल और हरीश चौधरी के बीच जाट वोट बैंक को लेकर वर्चस्व की ड़ाई चल रही है. हनुमान बेनीवाल की ओर से हरीश चौधरी व उनके भाई सहित अन्य लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया गया था.
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