Watch: सतीश पूनियां को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए जाने से नाराज है ये कांग्रेस विधायक, कहा- 70 फीसदी किसानों साथ किया अन्याय
Jaipur News: महेंद्र चौधरीने कहा कि बीजेपी ने सतीश पूनिया को उपनेता प्रतिपक्ष बनाकर कोई सन्देश नहीं दिया है.उन्होंने कहा कि कोई आरोप तो पूनियां के ऊपर था नहीं फिर भी उन्हें हटा दिया गया,
Jaipur News: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां को विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष बनाया है.उनकी नियुक्ति पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. उनकी इस नियुक्ती से बीजेपी की तो छोड़िए कांग्रेस के विधायक भी संतुष्ट नहीं हैं. नागौर जिले की नवां विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक महेंद्र चौधरी का एक वीडियो सामने आया है.
इसमें वो कहते हुए नजर आ रहे हैं कि सतीश पूनिया ने इतनी मेहनत की और उनके हाथ और पैर में चोटें भी आईं, फिर भी बीजेपी ने उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया. आखिर ऐसा क्यों किया गया? उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सतीश पूनियां के साथ गलत नहीं किया बल्कि 70 प्रतिशत गांवों में रहने वाले किसानों के साथ अन्याय हुआ है. उपनेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से बात नहीं बनेगी. चौधरी का कहना है कि यह गलत हुआ है.
क्या कहा है महेंद्र चौधरी ने
कांग्रेस विधायक और कांग्रेस के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा कि जब हम मुख्य उप सचेतक बने थे तो उस समय हमारा अलग मामला था.हमारे लिए एक अलग व्यवस्था होती है. बीजेपी ने पूनिया को उपनेता प्रतिपक्ष बनाकर कोई सन्देश नहीं दिया है.उन्होंने कहा कि कोई आरोप तो पूनियां के ऊपर था नहीं फिर भी उन्हें हटा दिया गया, जबकि पूनिया ने पार्टी के सभी कार्यों को बेहतर तरीके से किया.
राजस्थान में उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां के लिए क्या कह रहे हैं कांग्रेस के विधायक और विधानसभा में मुख्यउपसचेतक महेंद्र चौधरी। @Mahendranawa pic.twitter.com/W6hkUaj5u8
— Santosh kumar Pandey (@PandeyKumar313) April 3, 2023
क्या हैं इसके सियासी मायने ?
कांग्रेस विधायक के इस तरीके से वीडियो जारी करने के कई मायने निकाले जा रहे हैं. इससे सियासी हल्के में अलग-अलग आकलन लगाए जा रहे हैं. आने वाले दिनों में ही तस्वीर स्पष्ट हो पाएंगी ? मगर एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है.
कौन हैं महेंद्र चौधरी
कांग्रेस विधायक महेंद्र चौधरी दिग्गज नेता हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1995 में राजस्थान यूनिवर्सिटी का अध्यक्ष बनने के साथ की थी. महेंद्र चौधरी के पिता हनुमान सिंह चौधरी 1962 में पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे. महेंद्र ने 1998 में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार मिली. इसके बाद 2003 में कांग्रेस ने उन्हें फिर मौका दिया लेकिन फिर हार मिली.लगातार हार के बाद भी 2008 के चुनाव में कांग्रेस ने महेंद्र चौधरी को टिकट दिया. उन्होंने पार्टी को इस बार निराश नहीं किया और जीत का परचम लहराया. वो अभी भी कांग्रेस के विधायक हैं.
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