Shashi Tharoor: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा ने उनकी छवि बदल कर रख दी है. विपक्ष के लिए वे पहले से बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं. साथ ही उन्होंने समाज के अलग-अलग तबके के साथ घुल-मिलकर ये दिखा दिया है कि वे भी आम आदमी की तरह हैं और कोई भी उनके साथ मिल सकता है. ये बातें कांग्रेस (Congress) सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने शनिवार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) में कही.
पुरानी छवि को राहुल ने किया ध्वस्त
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' ने 'राहुल गांधी की छवि को फिर से स्थापित करने' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. विपक्ष उन्हें लंबे समय तक गैर-गंभीर नहीं कह सकता है या उनका मजाक नहीं उड़ा सकता है. विपक्ष हमेशा कहता था कि वह मामूली बहाने से विदेश भाग जाएंगे. अब उन्हें देखिए, वह 160 दिनों से अधिक समय से यात्रा कर रहे हैं. एक अन्य आरोप यह था कि वह संभ्रांतवादी (इलीटिस्ट), अहंकारी और लोगों की पहुंच से थे. वह भी इस यात्रा से ध्वस्त हो गया है. इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी विभिन्न बैकग्राउंड के अलग-अलग लोगों से मिल रहे हैं.
इशारों-इशारों में गहलोत को दी नसीहत
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) में भाग लेने पहुंचे सांसद शशि थरूर ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं को एक-दूसरे का नाम लेना बंद करना चाहिए. हम सहकर्मी हैं और एक-दूसरे के बारे में बात करते समय हमें अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए. एक राजनेता के रूप में मेरे 14 वर्षों में, मुझे याद नहीं है कि मैंने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया हो, जिसके लिए मुझे बाद में पछतावा हुआ हो. बातें बेहतर तरीके से और निजी तौर पर कही जा सकती हैं. गौरतलब है कि हाल में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने विरोधी युवा नेता सचिन पायलट के लिए कहा था कि हमारी पार्टी में भी एक करोना है.
पार्टी में गुटबाजी पर दी ये सीख
सांसद ने पार्टी में गुटबाजी और राजस्थान कांग्रेस की स्थिति के बारे कहा कि हर राजनीतिक दल में लोगों के अलग-अलग विचार होते हैं. क्या आपको लगता है कि भाजपा में लोगों के पास भिन्न विचार नहीं हैं. लोकतंत्र में, विचारों में मतभेद होना संभव है. साथ ही, हमें बड़े मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने और भाजपा को हराने का लक्ष्य रखने की जरूरत है.
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