Rajasthan: गहलोत सरकार के 'खिलाफ' आवाज उठाने वाले कई नेताओं को भी कांग्रेस ने दी बड़ी जिम्मेदारी, जानिए इसके सियासी मायने
Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कई दिग्गज और 'बगावती' कांग्रेसियों को चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी दी है. पार्टी में 'ऑल इज वेल' दिखाने की पूरी कोशिश की जा रही है.
Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधान सभा के लिए आज कांग्रेस पार्टी ने कई कमेटियों की घोषणा की है. जिसमें कई महत्वपूर्ण कमेटी बनाई गई है. इस बार मेनिफेस्टो कमेटी का चेयरमैन विधान सभा अध्यक्ष सीपी जोशी को बनाया गया है. वहीँ बायतु से विधायक हरीश चौधरी को स्ट्रेटजी कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. ऐसी ही कई कमेटियां हैं जिनमें कुछ नाम ऐसे है जो पिछले पांच सालों में हमेशा चर्चा में रहे. ये वो नाम है जो सरकार पर ही सवाल उठाते रहे और आंदोलन करते रहे.
इतना ही नहीं, कई बार आर-पार की लड़ाई एलान कर चुके है. मगर, उनका नाम इन प्रमुख कमेटियों में है. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि इनके नाम से कई संकेत दिए जा रहे हैं. इनके नाम को यूँ ही हरी झंडी नहीं दी गई है. जबकि ये चेहरे हमेशा यहां पर चर्चा में रहे हैं. मगर, अब पार्टी सबकुछ ऑल इज वेल की स्थिति में है. इससे पार्टी में गुटबाजी पर रोक लगाने की तैयारी है. दोनों बड़े गुटों के लोगों को साधा जा चुका है.
कांग्रेस कमेटी में इन नामों की है चर्चा
मुरारी लाल मीणा कांग्रेस सरकार में राज्यमंत्री हैं. सरकार में सवाल पूछने और आवाज उठाने में कई बार चर्चा में रहे हैं. मुरारी लाल मीणा दौसा से विधायक हैं. इन्हें पब्लिसिटी और पब्लिकेशन कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. इनकी कमेटी में कोटा से क्रांति तिवारी, अभिमन्यु पूनियां और राजेंद्र चौधरी को भी रखा गया है. ये वो चेहरे है जो पिछले पांच सालों में चर्चा में रहे. लाडनूं के विधायक मुकेश भाकर को मीडिया और कम्युनिकेशन की टीम में रखा गया है.
स्ट्रेटजी कमेटी का अध्यक्ष हरीश चौधरी को बनाया गया है. हरीश जाट नेता है. उनकी तारीफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार खूब की थी. हरीश को यह जिम्मेदारी देकर संगठन ने बड़ा सन्देश दिया है.
कांग्रेस देना चाहती है क्या संदेश?
राजस्थान में कांग्रेस ने इन नेताओं को चुनाव में जिम्मेदारी देकर एक बड़ा संकेत दिया है. क्योंकि, ये सभी सरकार से सवाल करते रहे हैं. अब इन्हे लग रहा था कि कोई जिम्मेदारी न दिए जाने से इन्हे इग्नोर किया जा रहा है. अब चुनाव के समय में इस जिम्मेदारी के बाद पार्टी ने एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं. इनके पास सरकार में अभी कोई बड़ी जिम्मेदारी भले न हो लेकिन संगठन में इन्हे प्रमुख भूमिका दी गई है.
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