UP Assembly Election 2022: देश में इन दिनों पांच राज्य में चुनाव आखिरी दौर में चल रहे हैं. इसी के साथ ही राजनीतिक दल चुनाव परिणाम से पहले उम्मीदवारों को संभालने की तैयारियां शुरू कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), उत्तराखंड (Uttarakhand), गोवा (Goa), पंजाब (Punjab) व मणिपुर (Manipur) के चुनाव नतीजे 10 मार्च आएगा. इससे पहले कांग्रेस के विधायक (Congress) उम्मीदवारों की राजस्थान (Rajasthan) में लाकर रख सकती है.
कहां रखे जाएंगे विधायक
उत्तराखंड, गोवा और पंजाब के विधायक उम्मीदवारों को नतीजों से पहले राजस्थान में शिफ्ट किया जा सकता है. इसके लिए रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर गहलोत ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व के सी वेणुगोपाल के साथ आज बैठक हुई. इस बैठक में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी मौजूद थे. इस बैठक में राजस्थान की कोल माइंस की मंजूरी व खास तौर से पांच राज्यों उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, गोवा ,पंजाब व मणिपुर के चुनावी नतीजे को लेकर हुई हैं. कांग्रेस इन पांच राज्यों के नतीजे से पहले कांग्रेस के पांच राज्यों के विधायक उम्मीदवारों का इंतजाम राजस्थान व छत्तीसगढ़ में कल सकती है. राजस्थान में इससे पहले महाराष्ट्र, गुजरात व मध्य प्रदेश के विधायकों को रखा जा चुका है. असम के विधायक उम्मीदवारों को भी राजस्थान लाया गया था.
क्या बनी रणनीति
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ हुई. इस बैठक में पांच राज्यों के चुनाव के बाद की रणनीति पर चर्चा हुई. चुनावी नतीजों से पहले विधायक उम्मीदवारों को लेकर विचार विमर्श हुआ हैं. विधायक उम्मीदवारों की जिम्मेदारी राजस्थान को ही दी जा सकती है. 10 मार्च से पहले ही राजस्थान में कांग्रेस के तीन से पांच राज्य के विधायक उम्मीदवारों को लाया जा सकता है. राजस्थान में इससे पहले महाराष्ट्र, गुजरात व मध्य प्रदेश के विधायकों को रखा जा चुका है. असम के विधायक उम्मीदवारों को भी राजस्थान लाया गया था.
किन मुद्दों पर हुई बैठक
राहुल गांधी के साथ बैठक में राजस्थान की छत्तीसगढ़ आवंटित कोल माइंस को मंजूरी नहीं मिलने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. उससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई बार कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस मुद्दे पर पत्र लिख चुके हैं. राजस्थान की कोल माइंस को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है. छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से मंजूरी नहीं मिलने से राजस्थान के पावर प्लांट में कोयला संकट आ रहा है. जल्द मंजूरी नहीं मिलती हैं तो कोल संकट गहरा सकता है. अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस पर सहमति बनी या नहीं, यह कहा नहीं जा सकता है.
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