Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में भले ही चुनावी शंखनाद न हुआ हो लेकिन चुनावी रंग अब दिखने लगा है. पहले से तय डेट 13 जून को बीजेपी (BJP) ने सचिवालय का घेराव किया. इस दौरान बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला. मगर, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ( Rajendra Singh Rathore) पर कांग्रेस अध्यक्ष ने जोरदार पलटवार किया है. कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने कहा कि बीजेपी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर 30 हजार लोगों द्वारा सचिवालय के घेराव की घोषणा की थी, लेकिन वो 1500 लोगों को भी नहीं जुटा सके. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में मंच पर बैठे किसी भी नेता ने राजस्थान सरकार की किसी भी योजना अथवा निर्णय के विरूद्ध नहीं बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी राजस्थान सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं में कमी नहीं निकाल सकी.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का बीजेपी पर आरोप
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी के नेता चुनावी साल में भी अपनी एकता प्रदर्शित नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने दूरी बनाई. डोटासरा ने एक वीडियो दिखाकर बताया कि नेता प्रतिपक्ष राठौड़ साहब का तेजस्वी भाषण चल रहा है और कुर्सियां खाली पड़ी हैं. उन्होंने तंज कसते हुए तेजस्वी और ओजस्वी भाषण का अंतर भी बताया.
क्या कर्नाटक की हार से बीजेपी निराश है
डोटासरा ने कहा कि हाल ही कर्नाटक में हुई हार से बौखलाकर बीजेपी नेता राजस्थान में गैर जिम्मेदाराना वक्तव्य दे रहे हैं. अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान की लोक कल्याणकारी कांग्रेस सरकार के विरूद्ध झूठे आरोप लगाने की कुचेष्टा कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता झूठे आरोप लगाकर राजस्थान की जनता और कार्यपालिका का अपमान कर रहे हैं. बीजेपी के नेता सरकार आने का बताकर सरकारी कर्मचारियों को धमकी भी दे रहे हैं, जो कि लोकतांत्रिक मूल्यों के विरूद्ध है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता पिछले डेढ़ साल से ईडी का राग अलाप रहे थे और अब प्रदेश में ईडी के आने से यह मुद्दा भी खत्म हो गया है.
खनन घोटाले पर दिया जवाब
उन्होंने कहा कि बीजेपी शासन के दौरान खनन घोटाले के आरोपी को गिरफ्तार करवाने के लिए दिल्ली तक कांग्रेस को आंदोलन करना पड़ा था. यदि बीजेपी शासन में गड़बड़ी नहीं हुई थी तो आवंटित खानों को निरस्त क्यों किया गया? उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा किया गया प्रदर्शन पूर्णतया असफल रहा. बीजेपी नेताओं के भाषण के दौरान 90 फीसदी कुर्सियां खाली रहीं. यह बताता है कि राजस्थान की जनता ने बीजेपी से दूरी बना ली है.
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