Rajasthan Crime News: झुंझुनूं में दलित युवक के साथ मारपीट और वसूली की घटना ने सियासी रंग ले लिया है. विपक्ष बीजेपी सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने घटना को अमानवीय बताया है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी सरकार से सवाल पूछे हैं.
सचिन पायलट ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "झुंझुनूं के मेघपुर में पानी के मटके को छूने को लेकर दलित युवक को बेरहमी से पीटने एवं वसूली की घटना पूर्ण रूप से अमानवीय है, जिसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. हर प्रकार के भेदभाव एवं असमानता को मिटाकर लोगों को एकता, समानता और सद्भाव के सूत्र में बांधना, यही बाबा साहेब के आदर्श हैं. प्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में हो रही इस प्रकार की घटनाएं उन आदर्शों और संवैधानिक मूल्यों को आहत करती हैं. केंद्र एवं राज्य की भाजपा सरकार के राज में दलितों, पिछड़ों एवं गरीबों पर अत्याचार किया जा रहा है, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है."
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से किये सवाल
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि बीजेपी सरकार कानून व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह से विफल रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और मेघपुर की घटना इस विफल सरकार की असंवेदनशीलता और जातिवादी मानसिकता का प्रत्यक्ष उदाहरण है. जूली ने कहा, "एक दलित युवक को पानी के मटके को छूने की वजह से बर्बरता से पीटा गया, पूरी रात बंधक बनाकर रखा गया और फिरौती वसूलने के बाद छोड़ा गया. घटना न केवल दलित समाज के सम्मान और अधिकारों पर हमला है, बल्कि बीजेपी सरकार की दलित विरोधी नीतियों को भी उजागर करती है."
झुंझुनूं की घटना पर सियासत शुरू
बता दें कि पचेरी कलां थाना क्षेत्र में मटका छूने पर दलित युवक की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है. आरोप है कि ईंट-भट्ठा मालिक ने पानी के घड़े को हाथ लगाने पर वारदात को अंजाम दिया. बताया गया कि वसूली के बाद पीड़ित को छोड़ा गया. झुंझुनूं की घटना ने राजस्थान के सियासी माहौल को गर्म कर दिया है.
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