Rajasthan News: सांसदों के निलंबन के विरोध में कल कांग्रेस करेगी प्रदर्शन, जानें क्यों गहलोत-पायलट पर टिकी सबकी निगाहें?
Rajasthan Politics: लोकसभा में विपक्ष के सांसदों के निलंबन के बाद राजस्थान में कांग्रेस ने आंदोलन करने का फैसला किया है. इस आंदोलन को लेकर सियासी गलियारों में एक नई बहस छिड़ गई है.
Congress Protest in Rajasthan: राजस्थान की बीजेपी सरकार को घेरने के लिए मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस नई रणनीति बना रही है. हालांकि, कांग्रेस पार्टी अभी भी नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है, फिर भी प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कमान संभाल रखी है. बुधवार (20 दिसंबर) को उन्होंने विधानसभा में शपथ ग्रहण के बाद केंद्र सरकार पर हमला बोला है. इससे उन्होंने एक बात साफ कर दी है कि कांग्रेस में अब गोविंद सिंह डोटासरा ही लीड करने वाले हैं.
लोकसभा में सांसदों के खिलाफ हुई निलंबन कार्रवाई मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आंदोलन की घोषणा की है. वह आम चुनाव को लेकर अभी से अलर्ट हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने शपथ ग्रहण के बाद आंदोलन की घोषणा करते हुए प्रदेश के सभी जिलों के कांग्रेस नेताओं और समर्थक भाग लेंगे. कांग्रेस के शुक्रवार (22 दिसंबर) को होने वाले इस आंदोल को लेकर सियासी गलियारों में नई चर्चा छिड़ गई है. इस विरोध प्रदर्शन में क्या पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल होंगे? इसके लेकर भी चर्चा जारी है.
कांग्रेस का क्या है प्लान?
शुक्रवार (22 दिसंबर) को कांग्रेस के प्रदर्शन का मुद्दा केंद्र सरकार है. संसद में सुरक्षा चूक पर केंद्रीय गृहमंत्री का वक्तव्य मांगने, विपक्ष के सांसदों को लोकतंत्र पर प्रहार करते हुए संसद से निलंबित करने के अलोकतांत्रिक निर्णय के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा देश भर में विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्णय पर प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने सभी जिला कांग्रेस कमेटियों को निर्देशित किया है कि 22 दिसंबर 2023 को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेसजन विरोध-प्रदर्शन करेंगे.
ये लोग रहेंगे शामिल
इस विरोध-प्रदर्शन में जिले के सभी प्रमुख कांग्रेसजनों प्रदेश पदाधिकारीगण, जिला पदाधिकारीगण, विधायकगण, विधायक प्रत्याशीगण, सांसद और सांसद प्रत्याशीगण, नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधिगणों सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेतागण भाग लेंगे. इस आदेश के बाद अब कांग्रेस के बड़े नेताओं के शामिल होने पर सबकी नजरें हैं. क्योंकि, पिछले पांच सालों में जितनी बार कांग्रेस के धरने और प्रदर्शन हुए उसमें दिग्गज नेताओं की एकजुटता नहीं दिखी है.
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