Rajasthan Politics News: कांग्रेस (Congress) में पहले तो उच्च स्तर पर ही खींचतान चल रही थी, लेकिन अब जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ता भी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी में लगातार चल रहे घमासान से आहत होकर कोटा (Kota) देहात जिला कांग्रेस सेवादल के जिलाध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनोज दुबे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. प्रदेश में सत्ता के लिए संघर्ष करने वाले नेताओं पर गहरा रोष जताया है.
मनोज दुबे ने कहा कि पिछले सवा चार साल से प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, तभी से प्रदेश के नेताओं के द्वारा जो सत्ता के लिए संघर्ष किया जा रहा है, उससे आम कार्यकर्ता दुखी हैं. प्रदेश में जो आपसी लड़ाई और खींचतान चल रही है, वह कांग्रेस के लिए ठीक नहीं है. यह नेता कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की मेहनत पर पानी फेरना चाहते हैं. प्रदेश में जो जन कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं वह पूरे देश में अपने आप में एक मिसाल है, लेकिन सत्ता के लिए आपसी लड़ाई से यह नेता बीजेपी को लाभ पहुंचाना चाहते हैं.
पुत्र मोह में पार्टी को पहुंचाया जा रहा नुकसान- मनोज दुबे
मनोज दुबे ने कहा कि प्रदेश कि जनता ने खुले दिल से दोबारा प्रदेश की कमान कांग्रेस को सौपने का मन बना लिया है. लेकिन जिस प्रकार से लगातार खुलेआम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sahin Pilot) द्वारा गुटबाजी को अंजाम दिया जा रहा है, उससे कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को भारी नुकसान पहुंच रहा है. कोई कुर्सी के लिए लड़ रहा है तो कोई पुत्रमोह में पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है.
नेताओं को कार्यकर्ता की पीड़ा का अहसास नहीं- मनोज दुबे
इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के नेता मनोज दुबे ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने इन नेताओं को केंद्रीय और प्रदेश के कई महत्त्वपूर्ण पदों से समय-समय पर नवाजा है लेकिन इन नेताओं को शायद उस कार्यकर्ता की पीड़ा का एहसास नहीं है जिस कार्यकर्ता को पूरे जीवन में एक वार्ड अध्यक्ष तक का पद नहीं मिलता और फिर भी वह बूथ पर एक सैनिक की तरह डटा रहता है और कांग्रेस पार्टी के लिए खून पसीना बहाता है. मनोज दुबे ने पार्टी नेतृत्व से अपील करते हुए कहा, 'दु:खी होकर मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं. आपसे अनुरोध है कि समय रहते प्रदेश में सत्ता के लिए कांग्रेस के नेताओं का आपसी संघर्ष समाप्त करवाएं.'
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