Rajasthan News: जोधपुर सेंट्रल जेल के कैदी अब बेरोजगार नहीं रहेंगे. जेल से निकलने के बाद कैदी खुद का रोजगार कर सकेंगे. कैदियों को रोजगार से जोड़ने के लिए अनोखी पहल शुरू की गयी है. जोधपुर सेंट्रल जेल में बंदियों को कौशल विकास योजना के तहत हुनरमंद बनाया जा रहा है. जेल अधीक्षक प्रदीप लखावत ने बताया कि बाहर निकलने के बाद कैदियों को पुनर्वास में विशेष मदद मिलेगी. कार्यक्रम के तहत 120 बंदियों को कुकिंग का टिप्स सिखाया जा रहा है.


लखावत ने बताया कि महिला कैदी भी जेल से बाहर निकलने के बाद आत्मनिर्भर हो सकेंगी. उन्होंने कहा कि पहले चरण में 30 महिला, 45 विचाराधीन और 45 सजायापता बंदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर बंदियों की सजा एक दो साल बाकी है. जेल से निकलने के बाद कैदी भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे. जेल में कौशल विकास योजना चलाने का उद्देश्य कैदियों को हुनरमंद बनाना है. कैदियों को चाइनीज, साउथ इंडियन और स्पेशल डिशेज बनाना सिखाया जा रहा है.


जोधपुर सेंट्रल जेल के कैदी बिखरेंगे स्वाद का जायका


खाने को परोसने और सजाने का भी तरीका बताया जा रहा है. जेल अधीक्षक ने कहा कि कौशल विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना है. जेल प्रशासन की मंशा कैदियों को दोबारा अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने से रोकने की है. कुकिंग में पारंगत होने के बाद बंदी बाहर निकलकर स्वाद का जायका बिखेर सकेंगे. बाहर जाने के बाद कैदी छोटा-मोटा खुद का व्यवसाय करने के योग्य हो जाएंगे. कैदियों को खाना पकाने में हुनरमंद बनाने के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है.


जेल प्रशासन की पहल से कैदी भी काफी उत्साहित हैं. प्रशिक्षण कार्यक्रम में कैदी बारीकी से कुकिंग टिप्स समझ रहे हैं. बता दें कि जोधपुर सेंट्रल जेल की चर्चा बॉलीवुड स्टार सलमान खान, आसाराम, मंत्री और कुख्यात के बंदी बनने की वजह से होती रही है. 


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