राजस्थान के सीएम Ashok Gehlot की बढ़ी मुश्किलें, इस मामले में कोर्ट ने नोटिस जारी कर किया तलब
Rajasthan Phone Tapping Case: राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद आए सियासी संकट के समय विधायकों की खरीद-फरोख्त के दावे वाले वायरल ऑडियो और फोन टैपिंग के मामले में आदेश जारी हुआ है.
Court Issued Notice to CM Ashok Gehlot: राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) सहित 9 लोगों को कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. अतिरिक्त न्यायालय क्रमांक 3 महानगर प्रथम ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो वायरल करने और बयानबाजी को लेकर 16 मार्च को अदालत में तलब किया है. अदालत ने यह आदेश ओपी सोलंकी की निगरानी अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया. निगरानी अर्जी में कहा गया कि परिवादी ने ऑडियो को वायरल करने और अशोक गहलोत की ओर से बयानबाजी को लेकर निचली अदालत में परिवाद पेश किया था. अदालत ने इसे पिछले साल एक नवंबर को खारिज कर दिया.
परिवादी ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करने की याचिका लगाई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मामले में पक्षकार बनाए गए लोगों को नोटिस जारी कर तलब किया है. राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद आए सियासी संकट के समय विधायकों की खरीद-फरोख्त के दावे वाले वायरल ऑडियो और फोन टैपिंग के मामले में आदेश जारी किया गया है. निगरानी अर्जी में गृह मंत्री के तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी, तत्कालीन मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, तत्कालीन गृह सचिव रोहित कुमार सिंह, तत्कालीन डीजीपी भूपेन्द्र सिंह, एडीजी एसओजी अशोक राठौड़, सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा और एसओजी थानाधिकारी रविन्द्र कुमार को नोटिस जारी किये गए हैं.
मुख्यमंत्री गहलोत के ओएसडी पर है ये आरोप
निचली अदालत में पेश परिवाद में कहा गया था कि 17 जुलाई 2020 को सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा की ओर से एक ऑडियो क्लिप को वायरल करने का समाचार प्रकाशित हुआ था. लोकेश शर्मा लोक सेवक की श्रेणी में आते हैं. लोक सेवक की ओर से ऑडियो वायरल करने का यह मामला आईपीसी, ओएस एक्ट और टेलीग्राफ एक्ट की अवहेलना है. इस ऑडियो को बतौर सबूत मानकर महेश जोशी ने एसओजी में आईपीसी की धारा 120बी और 124ए के तहत मामला दर्ज करा दिया.
सीएम ने लगाए थे विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप
परिवाद में कहा गया कि इस ऑडियो क्लिप के बाद राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो गई. सीएम अशोक गहलोत ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे. परिवाद में कहा गया कि प्रदेश में राजद्रोह और संवेदनशील मामलों से जुड़ी एफआईआर को सार्वजनिक करने पर प्रतिबंध है. इसके बावजूद अशोक गहलोत ने एसओजी के मुखिया अशोक राठौड़ से मिलीभगत कर जांच के विषय को अपने उद्देश्य के लिए चार्जशीट से पहले ही सार्वजनिक कर दिया.
राजस्थान में एसओजी कर रही थी जांच
वायरल ऑडियो में विधायक भंवर लाल शर्मा और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की बातचीत और लेन-देन की बात को लेकर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की जांच एसओजी को सौंपी थी. एसओजी एडीजी अशोक राठौड़ ने मामले की जांच शुरू की. कुछ समय बाद कांग्रेस आलाकमान के दखल के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सुलह हो गई.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने दर्ज करवाई थी एफआईआर
सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सियासी संकट के समय फोन टैपिंग और ऑडियो वायरल करने के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई थी. एक साल पहले दर्ज हुई इस एफआईआर पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच कर रही है. लोकेश शर्मा एक बार पूछताछ के लिए पेश हो चुके हैं, गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है.
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