Rajasthan Weather News: राजस्थान में मौसम का मिजाज बदल रहा है. मानसून की विदाई के साथ अचानक तापमान गर्म हो गया है. मौसम गर्म होने से कई बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. राजस्थान के अधिकतर जिलों में बच्चों पर कॉक्सिकी वायरस (Coxsackie Virus) का अटैक हो रहा है. जयपुर के जेके लोन अस्पताल (Jaipur JK Lone Hospital) में रोजाना 150 से 200 बच्चे पहुंच रहे हैं. कॉक्सिकी वायरस से संक्रमित बच्चों के शरीर पर दाने, रेशे, मुंह में छाले हो रहे हैं.
बच्चों में फैल रही संक्रामक बीमारी
बच्चों में हैंड फुट माउथ डिजीज (HFMD) 5 से 9 साल की उम्र में हो रहे हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि पहली बार बच्चों में संक्रामक बीमारी तेजी से फैल रही है. बीमारी की शुरुआत बच्चों में बुखार से होती है. फिर खुले अंगों पर दाने होना शुरू हो जाते हैं. फिर कोहनी, घुटनों के पास दाने होते हैं. हैंड फुट माउथ डिजीज के लक्षण पहले की तुलना में गंभीर हुए हैं. इम्यूनिटी मजबूत होने पर कुछ बच्चे 3 से 4 दिन में रिकवर हो रहे हैं. अन्य बच्चों को 7 से 8 दिन का समय रिकवर होने में लग रहा है. कुछ बच्चों के मुंह में छाले होने की भी शिकायत सामने आ रही है.
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कुछ बच्चों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ रही है. ऐसे बच्चों में लक्षण सामने आने के बाद डॉक्टर सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अंजू गुप्ता ने बताया कि छोटे बच्चों की कोरोना काल के दौरान इम्यूनिटी कम हो गई थी. कुछ बच्चे पूरी तरह से कमजोर हैं साथ में बड़ी बीमारी से ग्रसित भी हैं. कमजोर बच्चे जल्दी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. डॉ गुप्ता ने की सलाह है कि लक्षण नजर आने के साथ डॉक्टर्स से संपर्क किया जाए. समय पर इलाज मिलने से ठीक होने में आठ दस दिन लग जाता है. उन्होंने कहा कि ज्यादा कमजोर बच्चे संक्रमण को झेल नहीं पा रहे हैं.
जानिए कॉक्सिकी वायरस के लक्षण
ऐसे बच्चों का भर्ती के बाद इलाज किया जा रहा है. शिशु रोग विशेषज्ञों ने बताया कि पिछले वर्ष कुछ बच्चों में बीमारी के लक्षण नजर आए थे. लेकिन इस साल बीमारी तेजी से बढ़ रही है. संक्रमित बच्चों के पूरे शरीर पर छोटी-छोटी फुंसियां हो जाती हैं और पानी निकलना शुरू हो जाता है. छालों के साथ 3-4 दिन में बच्चों को बुखार होता है. कई बार पूरे शरीर पर खुजली शुरू हो जाती है. इसलिए संक्रमित बच्चों को माता पिता स्कूल भेजने से बचें.
संक्रमण एक से दूसरे बच्चे तक फैलने में 7 दिन तक का समय लगता है. ऐसे में बीमारी का तुरंत पता नहीं चल पाता और कई बच्चे एक साथ चपेट में आ जाते हैं. मौसम बदलने के साथ सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में दर्द, सिर दर्द, शरीर में दर्द, तेज बुखार हो रहा है. डॉक्टरों के अनुसार मौसम में बदलाव की वजह से अभिभावक बच्चों को पानी उबाल कर या फिल्टर कर देना चाहिए. छोटे बच्चों के गीले कपड़े समय पर बदलते रहें ताकि सर्दी, जुकाम खांसी से बचाया जा सके.