CP Joshi in Rajasthan Election 2023: चित्तौगढ़ से लगातार दो बार के सांसद चंद्र प्रकाश जोशी (CP Joshi) बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं. चुनाव से पहले बीजेप आलाकमान के इस फैसले के कई मायने निकाले जा रहे हैं. राजस्थान विधानसभा चुनाव से 6 महीने पहले पार्टी अध्यक्ष की कमान सीपी जोशी को देकर बीजेपी क्या संदेश देना चाहती है?
दरअसल, सीपी जोशी दो बार के सांसद हैं और भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनके पास संगठन का लंबा अनुभव है. सीपी जोशी को किसी गुट का नहीं माना जाता. उदयपुर के दिग्गज नेता गुलाब चंद कटारिया के असम का राज्यपाल बनाए जाने के बाद बीजेपी का मेवाड़ क्षेत्र खाली हो गया था. ऐसे में एक नई लीडरशीप के तौर पर सीपी जोशी को लाने का यह एक प्रयोग माना जा रहा है. गौरतलब है कि सीपी जोशी को केंद्र का खास माना जाता है.
किसी गुट के नहीं सीपी जोशी
सीपी जोशी को राजस्थान बीजेपी में किसी भी गुट का नहीं माना जाता. इन्हें निर्गुट बताया जाता है. पिछले दिनों बीजेपी में गुटबाजी की खबरें सामने आई हैं. इसे लेकर तमाम बार केंद्र तक मामला पहुंचा है. इसलिए बीजेपी एक नए चेहरे की तलाश में थी. सूत्रों का कहना है कि सीपी जोशी अभी 50 साल के हो गए हैं. इन्हें बीजेपी ने प्रदेश में मजबूत पकड़ के लिए आगे बढ़ाया है.
राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार जगदीश शर्मा का कहना है कि सीपी जोशी युवा हैं और एक नई लीडरशीप के लिए बीजेपी ने फैसला लिया है. क्योंकि सतीश पूनियां का कार्यकाल तीन साल का पूरा हो चुका था. इस तौर पर यह बदलाव देखा जा रहा है.
चित्तौगढ़ में बढ़ती गई मार्जिन
सीपी जोशी दो बार चुनाव लड़े और दोनों बार उनकी जीत हुई. ऐसे में उनके जीत की मार्जिन भी बढ़ती गई. साल 2014 के चुनावों में 3 लाख 16 हजार 857 वोटों से जीतकर चित्तौड़गढ़ में एक रिकॉर्ड बनाया था. उसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनावों में चित्तौड़गढ़ सीट से सीपी जोशी ने कांग्रेस के गोपालसिंह शेखावत को 5 लाख 76 हजार 247 वोट से हराया था.
सीपी जोशी ने इन चुनावों में अपने ही नाम दर्ज पिछला रिकॉर्ड तोड़ा था. अंतर के लिहाज से चित्तौड़गढ़ संसदीय इतिहास की यह सबसे बड़ी जीत थी. सीपी जोशी की लोकप्रियता बढ़ती चली गई.