CP Joshi on Ashok Gehlot: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका ज्यूडिशियरी, संविधान और केंद्र सरकार पर दिया बयान उनकी हताशा, चुनाव में अपनी हार और अपनी सरकार की गलतियों को छिपाने और जनता को गुमराह करने का उद्देश्य मात्र है. संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का न्यायपालिका पर इस तरह का बयान यह दर्शाता है कि संविधान और देश की न्याय व्यवस्था में इनका कोई विश्वास नहीं है. क्योंकि यह प्रदेश की कानून व्यवस्था को संभालने में पूर्ण रूप से विफल रहे हैं.
सीपी जोशी आगे कहा, 'आप कहते हैं कि संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं जबकि आप संवैधानिक पद पर बैठे हैं और न्याय व्यवस्था पर प्रश्न उठा रहे हैं. सीएम एसीबी जैसी संस्था में दखलंदाजी नहीं देने की बात करते हैं, जबकि 600 से अधिक मामले मुख्यमंत्री की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण लंबित पड़ी हैं और आरोपियों को फिर से वही पोस्टिंग दी जा रही है जहां उन्होंने भ्रष्टाचार किया था. आरपीएससी में करोड़ों रुपए लेकर सदस्य बनाए जाते हैं, जो पेपर लीक करवा युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं. उत्तर भारत में प्रदेश की आर्थिक स्थिति सबसे अच्छी है यह कहकर वह अपनी पीठ थपथपाना चाहते हैं.'
'तुष्टिकरण की नीति पर काम कर रही सरकार'
सीपी जोशी ने आगे कहा, 'मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के लिए बोल रहे हैं कि देश को विश्व गुरु बनाने से पहले अपना घर संभालें. मुख्यमंत्री जी आप राजस्थान संभालें. आपने पूरे 4.5 साल में प्रदेश को बर्बाद कर दिया. आपसे प्रदेश की व्यवस्थाएं नहीं संभल पाईं. इस तरह की सलाह आप ना दें तो अच्छा रहेगा.' बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा मुख्यमंत्री चुनाव में फायदा लेने के लिए मंदिरों के निर्माण और जीर्णोद्धार की बात कर रहे हैं, जबकि तुष्टिकरण की नीति के आधार पर यह सरकार काम कर रही है.
आकंठ तुष्टिकरण में डूबी प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने हिंदुओं के भगवा झंडे पर रोक, धार्मिक उत्सवों को सार्वजनिक तरीके से मनाने पर सरकारी नियंत्रण, चूरू और अलवर जिले में मंदिर तोड़ना, करौली, मालपुरा के सांप्रदायिक दंगे जिस सरकार में होते हैं वह हिंदुओं का हितैषी कैसे बन सकता है.
बैकफुट पर है सरकार
सीपी जोशी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि सत्ता जाने का भय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चेहरे पर अब स्पष्ट नजर आने लगा है. कुचामन में दलित युवाओं की नृशंस हत्या, डिग्गी में महंत की हत्या, खनन विभाग को लेकर कैग की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के खुलासे जैसे तमाम मुद्दों को भटकाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस प्रकार के बयान देते हैं. प्रदेश की कांग्रेस सरकार 2018 में किए अपने चुनावी वादों को नहीं निभाने के कारण पहले से ही जहां बैकफुट पर है.
वहीं इनके कार्यकाल में बढ़े महिला दलितों पर अप्रत्याशित अपराध, सरकार के सभी विभागों में फैली कमीशनबाजी और भ्रष्टाचार, पेपर लीक, महंगी बिजली और पेट्रोल डीजल से जनता पर बोझ डालने के काम से जनता की प्रतिक्रिया देखकर इनको अपनी चुनावों में स्पष्ट हार नजर आने लगी है.
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