Kota News: युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है इंजीनियरिंग की पढ़ाई का क्रेज, JEE Main में हर साल टूट रहा है रिकॉर्ड
Career in Engineering: स्टूडेंट्स को रोजगार के योग्य बनाने के लिए कंपनियां अब शिक्षण संस्थानों से सीधे जुड़ रही है. शिक्षण संस्थानों ने भी अपने पाठ्यक्रमों को राजगारोन्मुखी बनाना शुरू कर दिया है.
आने वाला समय तकनीकी का है. स्टूडेंट अपना कॅरियर इंजीनियरिंग कर बना रहे हैं. देश में इंजीनियरिंग की पढाई में स्टूडेंट लगातार रुची ले रहे हैं. इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.इस बार तो कई सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. युवा साइसं-मैथ्स सब्जेक्ट में कॅरियर की संभावना देख रहे हैं.
मैथ्स लेने वाले सर्वाधिक स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन ले रहे हैं. देश में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या का अवलोकन करें तो यह लगातार बढ़ रही है.इस वर्ष आईआईटी, एनआईटी और ट्रिपलआईटी में प्रवेश के लिए होने वाली जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में 11 वर्षों में सर्वाधिक स्टूडेंट्स शामिल हुए. वहीं जेईई-मेन में चार वर्षों में सर्वाधिक स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी.
आने वाला समय तकनीकी का है
कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि आना वाला समय तकनीकी का है. देश में हर क्षेत्र में तकनीक का उपयोग शुरू हो चुका है. इसे देखते हुए तकनीकी शिक्षा की मांग भी बढ़ रही है. यही कारण है कि युवा इंजीनियरिंग एजुकेशन की तरफ आगे आ रहे हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में आने वाले समय में रोजगार मिलने की ज्यादा संभावनाएं हैं. वहीं रोजगार के अनुसार ही देश के बड़े इंजीनियरिंग संस्थान अपने पाठ्यक्रमों में बदलाव ला रहे हैं. आने वाले समय की चुनौतियों को समझते हुए पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं. इसके लिए इंजीनियरिंग संस्थान इण्डस्ट्रीज से जुड़ते जा रहे हैं.
आंकड़ों से समझें बच्चों के रूझान
आहूजा ने बताया कि देश की 23 आईआईटी में 17385 सीटें हैं. 32 एनआईटी में 23954, 26 ट्रिपलआईटी में 7746, 35 जीएफटीआई में 8067 सीटें हैं. इस तरह कुल 57 हजार 152 सीटों के लिए जेईई-मेन और एडवांस्ड परीक्षा करवाई जाती है. आईआईटी में प्रवेश के लिए होने वाली जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में गत 11 वर्षों के मुकाबले सर्वाधिक स्टूडेंट्स परीक्षा के लिए पंजीकृत व शामिल हुए. वर्ष 2013 से शुरू हुई जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में 1,15,971, वर्ष 2014 में 1,19500, 2015 में 1,15000, 2016 में 1,47678, 2017 में 1,59540, 2018 में 1,55158, 2019 में 1,61319, 2020 में 1,50838, 2021 में 1,41699, 2022 में 1,55538 एवं वर्ष 2023 में सर्वाधिक 1,80372 स्टूडेंट्स शामिल हुए. वर्ष 2023 में ही सर्वाधिक 189744 स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हुए.
छात्रों की बढ़ती संख्या
इसी प्रकार एनआईटी-ट्रिपल आईटी में प्रवेश के लिए जेईई-मेन परीक्षा में गत 4 वर्षों में कुल पंजीकृत और शामिल स्टूडेंट्स की संख्या सबसे अधिक रही. वर्ष 2020 में 10,23,000, वर्ष 2021 में 9,39008, वर्ष 2022 में 9,05590 और वर्ष 2023 में सर्वाधिक 11,13,325 स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए.वर्ष 2023 में सर्वाधिक 11 लाख 62 हजार 398 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया.
कितने छात्र ले रहे हैं इंजीनियरिंग की डिग्री
आहूजा के अनुसार देश में आईआईटी-एनआईटी सहित प्राइवेट व सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों सहित लगभग 2500 से अधिक तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं. इसमें 200 से अधिक प्राइवेट एवं सरकारी यूनिवर्सिटीज शामिल हैं. इन संस्थानों से हर साल 5 लाख से अधिक स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर रहे हैं. ये इंजीनियर्स इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी, आईटी, सॉफ्टवेयर, रिसर्च एण्ड डवलपमेंट, एडुकेशन, कंसलटेशन, फाइनेंस, डिजाइन, इंडस्ट्री, कोर सेक्टर, डेटा एवं बिजनस एनालिस्ट, सिविल सर्विसेज, कॉपोर्रेट सेक्टर, पीएसयू, बैंक पीओ आदि क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर रहे हैं.
आहूजा के अनुसार इंजीनियरिंग शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार मिलने को लेकर भ्रांति है कि हर वर्ष इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की संख्या बढ़ती जा रही है और उसके अनुपात में रोजगार नहीं मिल रहे हैं, जबकि वास्तविकता में रोजगार के अवसर बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन ग्रेजुएट युवाओं में रोजगार प्राप्त करने के लिए स्किल्स का अभाव सामने आ रहा है या फिर स्टूडेंट्स की डिग्री में कमियां पाई जाती हैं.
कंपनियों की जरूरत क्या है
स्टूडेंट्स को रोजगार के योग्य बनाने के लिए ही कंपनियां अब शिक्षण संस्थानों से सीधा जुड़ाव स्थापित करने लगी है.शिक्षण संस्थानों ने भी अपने पाठ्यक्रमों को राजगारोन्मुखी बनाना शुरू कर दिया है.आधुनिक युग के अनुसार पाठ्यक्रमों में बदलाव कर तकनीकी पढ़ाई को एडवांस बनाया जा रहा है.आजकल कंपनियां बीटेक के दौरान ही स्टूडेंट्स का चयन करती हैं और अपने पीपीओ (प्री-प्लेसमेंट ऑफर) भी देती हैं. इसके बाद कंपनी के अनुसार तैयार करती हैं.वर्तमान में एक्सपर्ट्स के अनुसार इंजीनियर्स की संख्या बढ़ने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ते जा रहे हैं.
आहूजा ने कहा कि आने वाला समय तकनीकी व डिजिटल बेस्ड होगा. इसे देखते हुए अधिकांश आईआईटी और अन्य विख्यात इंजीनियरिंग संस्थानों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी, ब्लॉक चेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे कोर्सेज शुरू कर दिए हैं. इन कोर्सेज में निकट भविष्य में कॅरियर की संभावनाएं अधिक हैं.इसीलिए स्टूडेंट्स का रूझान कम्प्यूटर साइंस के साथ-साथ इन क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है.
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