Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) में शीतलहर और ओलावृष्टि से भारी मात्रा में फसलों को नुकसान हुआ है. आर्थिक नुकसान से प्रदेश की किसानों की चिंता बढ़ा गई है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गंभीरता दिखाते हुए राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों को राज्य में पाला और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का शीघ्र आंकलन करवाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने किसानों (Farmers) को आश्वासन दिया है कि सरकार इस आपदा में किसानों का हरसंभव सहयोग करेगी. प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा.


कृषि मंत्री ने सदन में बताए आंकड़े
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया (Lalchand Kataria) ने सोमवार को विधानसभा (Rajasthan Assembly) में बताया कि वर्ष 2022-23 में रबी फसल में 109 लाख 55 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई है. प्रारंभिक अनुमान के अनुसार गेहूं की फसल के 29 लाख 65 हजार हैक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से लगभग 42 हजार हैक्टेयर, जौ फसल के 4 लाख 8 हजार हैक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से 19 हजार हैक्टेयर, चना फसल के 20 लाख 57 हजार हैक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से 2 लाख 25 हजार हैक्टेयर में 2 से 40 प्रतिशत तक खराबा हुआ है.


सरसों और तारामीरा का कुल बोये गए 39 लाख 36 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में से 9 लाख 83 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 65 प्रतिशत तक का खराबा हुआ है. सब्जियां एवं उद्यानिकी फसलों के कुल बोये गए 15 लाख 89 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में से 2 लाख 22 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 60 प्रतिशत तक खराबा हुआ है.


14 जिलों में सबसे ज्यादा फसल खराब
कृषि मंत्री कटारिया ने बताया कि माह जनवरी 2023 में पाला एवं शीतलहर से कुल बोये गए क्षेत्रफल 109 लाख 55 हजार हैक्टेयर में से लगभग 14 लाख 92 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 65 प्रतिशत तक फसल खराबा होने की सूचनाएं हैं. प्रदेश के सभी क्षेत्रों में ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है. 14 जिलों में सबसे ज्यादा फसल खराबा होने की सूचना है. इनमें अजमेर, जयपुर, पाली, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, जालोर, जोधपुर, झुंझुनूं, चित्तौड़गढ़, सीकर, भरतपुर, प्रतापगढ़, बीकानेर शामिल है.


प्रभावित किसानों को दे रहे राहत
कटारिया ने बताया कि सभी जिला कलक्टर को तत्काल सर्वे कर विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग को भेजने के लिए निर्देशित किया है. फसली नुकसान के आंकलन के लिए पटवारी मौके पर जाएंगे और कलेक्टर को रिपाेर्ट देंगे. प्रभावित किसानों को आपदा राहत कोष व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मापदंड अनुसार राहत दे रहे हैं. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि फसली नुकसान की सूचना प्राप्त होने पर वे विभाग को सूचित करें, ताकि प्रभावित किसानों को हर स्तर पर सहायता मिल सके.


हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत में समस्या
सरकार ने फसल खराब की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. प्रभावित किसान को 72 घंटे के भीतर इन नंबरों पर सूचना देनी होगी. टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाने के बाद कई किसानों ने शिकायत की है कि इन नंबरों पर बार-बार कोशिश करने के बावजूद संपर्क नहीं हो रहा. नंबर पर कॉल नहीं लगने से शिकायत दर्ज नहीं करवा पा रहे.


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