Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) पुलिस सेवा में एक बेहतरीन अधिकारी के साथ-साथ सामाजिक सरोकार और शिक्षा को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रपति पदक विजेता बाड़मेर (Barmer) के आगोर निवासी पुलिस उप अधीक्षक दिवंगत जालम सिंह महेचा के नाम पर सिणधरी रोड़ सरली- कुडला चौराहे का नामकरण किया गया. राजस्थान गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष और बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. मेवाराम जैन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जालमसिंह महेचा के नाम पर सिणधरी रोड़ सरली- कुडला चौराहे का नामकरण होना समस्त क्षेत्र वासियों के लिए गर्व और गौरव का विषय है.
उन्होंने कहा कि इससे आसपास के क्षेत्र के नौजवानों के जीवन में प्रेरणा बनी रहेगी. विधायक मेवाराम जैन ने जालम सिंह महेचा को 1983 में राष्ट्रपति पदक मिलने के जीवट व्रतांतों को सुनाते हुए कहा कि उनके नाम पर सिणधरी रोड़ कुडला-सरली चौराहे का नामकरण होने से यहां के क्षेत्रवासियों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा. वहीं इस दौरान बोलते हुए भीनमाल के पूर्व विद्यायक समरजीत सिंह राठौड़ ने कहा कि जालम सिंह जैसे ईमानदार और बेहतर प्रशासक के नाम पर इस चौराहे का नामकरण होने से यहां के नौजवानों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर मिलेगा.
जालम सिंह महेचा ने शिक्षा के क्षेत्र में भी विशेष भूमिका निभाई
इस अवसर पर बोलते हुए रावत त्रिभुवन सिंह ने कहा कि ऐसे महापुरुषों के नाम पर नामकरण होने से न सिर्फ क्षेत्र में अपितु आसपास के क्षेत्र में भी इस प्रयास का लाभ मिलेगा. वहीं इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेवानिवृत कर्नल डॉ महेंद्र सिंह देवड़ा ने कहा कि दिवंगत जालम सिंह महेचा ने हमेशा ना सिर्फ शिक्षा अपितु सभ्यता और संस्कृति के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों में जो एक विशेष भूमिका निभाई, उसको सदियों तक याद किया जाएगा. वहीं इस दौरान उनके साथ में पुलिस सेवा में रहे सेवानिवृत पुलिस निरीक्षक पदम सिंह रतनू, बख्तावर सिंह महेचा, शिक्षाविद प्रकाश सिंह भुरटिया, नारायणसिंह आगोर और युवा नेता वीपी सिंह आगोर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि दिवंगत जालम सिंह ने न सिर्फ सैकड़ों लोगों को सही राह की तरफ अख्तियार किया, बल्कि समय-समय पर शिक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए और संस्कार देने के लिए भी बेहतरीन प्रयास किया जिसको हमेशा याद रखा जाएगा. इसी का नतीजा है कि मल्लिनाथ राजपूत छात्रावास में पिछले लंबे समय से दिवंगत जालम सिंह के दोनों पुत्रों अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चैन सिंह महेचा औरजीएसटी अतिरिक्त कमिश्नर सुरेंद्र सिंह राठौर के द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर और मेधावी छात्रों को प्रति वर्ष छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है.