Jodhpur News: जोधपुर मंडल (Jodhpur Division) पर इलेक्ट्रिक ट्रेन (electric train) चलाने की उम्मीदों को बुधवार को पंख लग जाएंगे जब मारवाड़ जंक्शन (Marwar Junction) से लूणी जंक्शन (Luni Junction) के बीच बिछाए गए इलेक्ट्रिक तारों (electric wiring) में बुधवार से हाई वोल्टेज करंट दौड़ना शुरू हो जाएगा. रेलवे ने आमजन को उच्च क्षमता करंट वाले तारों से दूर रहने के प्रति आगाह किया है.


72 किलोमीटर का कार्य हुआ है पूरा




मंडल रेल प्रबंधक गीतिका पांडे ने मंगलवार को बताया कि जोधपुर मंडल पर तेज गति से करवाए जा रहे रेल विद्युतीकरण कार्य के नतीजतन मारवाड़ जंक्शन से लूणी जंक्शन के बीच 72 किलोमीटर रेलखंड पर विद्युतीकरण कार्य पूरा करवा लिया गया है तथा बुधवार को तारों में करंट प्रवाहित होते ही जोधपुर रेल मंडल में नवीन युग की शुरुआत हो जाएगी. लूणी से जोधपुर के बीच 32 किलोमीटर रेल खंड पर भी विद्युतीकरण कार्य करीब-करीब पूरा करवा लिया गया है तथा 31 मार्च तक निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप जोधपुर-लूणी (32 किलोमीटर) लूणी से मारवाड़ जंक्शन(72 किलोमीटर) और लूणी से समदड़ी(48 किलोमीटर ) खंड पर रेल विद्युतीकरण कार्य पूरा करवा लिया जाएगा और इसे समय पर पूरा करने के उचित निर्देश दिए गए हैं. वर्ष 2024 तक जोधपुर से आने और जाने वाली सभी ट्रेनों में इलेक्ट्रिक इंजन लगाने का लक्ष्य निर्धारित है और मंडल उसी के अनुरूप कार्य कर रहा है.


यादगार बनाना चाहते हैं जन्मदिन-एनिवर्सरी या अन्य कोई इवेंट तो जयपुर मेट्रो ने कर दी है शुरुआत, जानें क्या है खास


यह होगा फायदा




इलेक्ट्रिक ट्रेन से प्रदूषण घटेगा, रेलवे के पैसे बचेंगे, ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी के साथ डीजल इंजन से होने वाले धुएं से प्रदूषण में भी कमी आएगी, साथ ही ट्रेनों की गति बढ़ेगी आने- जाने वाले समय में भी कमी आएगी वही रूट से अधिक ट्रेनों का संचालन भी हो सकेगा . इलेक्ट्रिक इंजन की रूट क्षमता अधिक होने से अधिक भार का भी वाहन हो सकेगा. डीजल इंजन जा 12 और 13 मिनट में स्पीड पकड़ता है वह इलेक्ट्रिक इंजन से अधिकतम स्पीड 8 और 9 मिनट में ही मिल जाती है.


यह भी पढ़ें-


Rajasthan News: राजस्थान के विधायक संयम लोढ़ा बोले- 'हम गांधी-नेहरू परिवार के गुलाम', बीजेपी ने साधा निशाना