Rajasthan News: देश में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. जालसाज आम लोगों के साथ साथ अब वीआईपी को भी निशाना बना रहे हैं. जालोर में पुलिस अधीक्षक की पत्नी के साथ ठगी की कोशिश का मामला सामने आया है.


गनीमत रही कि पत्नी की सजगता के कारण साइबर अपराधियों का मंसूबा नाकाम हो गया. एसपी ज्ञानचन्द्र यादव ने बताया कि मंगलवार 22 अक्टूबर को दिन में अज्ञात नंबर से पत्नी को फोन कॉल आया. कॉलर ने बेटे के बारे में बिल्कुल सटीक जानकारी दी. उसने बताया कि बेटा बिट्स में एमबीबीएस की पढ़ाई करता है. उसके नाम पर बैंक अकाउंट भी है.


कॉलर ने पत्नी को बेटे के ड्रग्स केस में गिरफ्तारी की बात बताई. बेटे के पुलिस की गिरफ्त में होने की बात सुनकर पत्नी घबरा गयी. कॉलर ने कहा कि पुलिस की गिरफ्त से बेटे को छुड़ाने के एवज पैसा देना होगा. उसने अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने को कहा. पत्नी ने सूझबूझ का परिचय देते हुए कॉल कर एसपी पति को मामले की जानकारी दी. पति ने स्थिति भांपकर पत्नी से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है. साइबर की कारस्तानी है. बेटे को फोन लगाकर बात कर लो.


साइबर अपराधियों के निशाने पर पुलिस का परिवार


साइबर ठगों को भनक लगते ही फोन डिस्कनेक्ट कर दिया. एसपी ने फोन नंबर का पता लगाया. पता चला कि साइबर ठगी का फोन मध्य प्रदेश से आया है. सिम मजदूर के नाम से लिया गया है. एसपी ने बताया कि फोन करने के बाद साइबर ठगों ने नंबर बंद कर दिया था.


संबंधित जिले के एसपी को मामले की जाकारी देकर साइबर ठगों का पता लगाने की गुजारिश की गयी है. जालोर एसपी का कहना है कि आज कल साइबर अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. अपराधी पहले आपकी पूरी डिटेल जुटाते हैं. बाद में निशाना बनाकर ठगने की कोशिश करते हैं. उन्होंने लोगों से साइबर ठगों के कॉल की सूचना पुलिस को देने की अपील की. 


(रिपोर्ट-हीरालाल भाटी)


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