Dholpur: राजस्थान के धौलपुर जिले का बीहड़ ऐसा है कि उस भूल भुलैया में किसी को भी ढूंढ पाना मुश्किल है. इसीलिए हमेशा से धौलपुर जिले के बीहड़ हमेशा से डकैतों के शरणस्थल रहे हैं. धौलपुर के बीहड़ में उत्तर प्रदेश राजस्थान और मध्यप्रदेश के नामी डकैतों ने अपना डेरा डाला था. पुलिस मुठभेड़ में सोमवार को घायल हुए केशव गुर्जर को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है.


बताया गया है कि केशव गुर्जर पर लगभग 1 लाख 15 हजार का इनाम घोषित था और तीन राज्यों का वांटेड था. पुलिस को सोने का गुर्जा थाना इलाके के डांग क्षेत्र में केशव गुर्जर के होने की सूचना मिली थी. इसके बाद एसपी धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस की विभिन्न टीमों ने मिलकर कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया और कॉम्बिंग ऑपरेशन के दौरान डकैत गिरोह और पुलिस की आमने-सामने मुठभेड़ हुई जिसमे कई राउंड गोलियां चलीं.इसी दौरान केशव गुर्जर के पैर में गोली लगी है. 


मोटरसाइकिल चोर बना डकैत 


धोलपुर जिले के बसई डांग क्षेत्र के टपुआ सायपुर गांव का रहने वाला केशव गुर्जर मोटरसाइकिल की चोरी करता था. उसके बाद उसकी जगन गुर्जर से मुलाकात हो गई. केशव जगन गुर्जर के साथ लूटपाट करने लगा और कई वर्ष पहले जेल चला गया. जेल में कुछ वर्ष रहने के बाद केशव बाहर निकला और उसकी मुलाकात करौली के डकैत रामलखन से हो गई . दोनों ने मिलकर लूटपाट शुरू की. इन दोनों ने मिलकर उत्तरप्रदेश के आगरा से एक डॉक्टर का अपहरण किया था और उससे मोटी फिरौती ली उसके बाद केशव ने अपने भाइयों के साथ मिलकर अपना गैंग बना लिया. 


वेश बदलकर देता रहा चकमा 


डकैत केशव गुर्जर पुलिस को दस वर्ष से वेश बदल कर चकमा देता रहा है . वेश बदलने के साथ ही केशव गुर्जर जगह भी बदलता रहा और पुलिस की चकमा देता रहा. केशव गुर्जर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में जगह-जगह अलग-अलग वेश में रहता था. इस वजह से पुलिस उसे पहचान नहीं पाती थी. केशव गुर्जर भरतपुर जिले के बयाना ,वैर ,गढ़ी बाजना और मध्यप्रदेश के भिण्ड ,मुरैना और शिवपुरी जिले में तो उतर प्रदेश के आगरा जिले में रहकर पुलिस को चकमा देकर सक्रिय रहा है. 


एसपी सहित तीन को लगी गोली 


एसपी धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में जब डकैत केशव गुर्जर को ढूंढने के लिए सर्च चल रहा था. उसी दौरान सोने का गुर्जा थाना क्षेत्र में डकैतों और पुलिस का आमना- सामना हो गया. पुलिस को देखकर डकैत केशव गुर्जर भागने लगा, लेकिन पुलिस की घेराबंदी में घिर  जाने के बाद केशव गुर्जर और उसके साथियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी . पुलिस ने भी डकैतों पर फायरिंग की.  बाड़ी सदर के थाना प्रभारी हीरालाल मीणा को केशव गुर्जर ने अपनी तरफ आते देखा तो उन पर फायरिंग कर दी जो थाना प्रभारी के पेट के पास लगी, लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट की वजह से बच गए. एक गोली डीएसटी प्रभारी अनिल गौतम के सीने पर लगी जो बुलेटप्रूफ जैकेट में लग कर रह गई और अनिल गौतम सुरक्षित रहे. इनको कवर करते हुए एसपी धर्मेन्द्र सिंह चल रहे थे. उनको अंदाजा था कि अब उनको निशाना बनाया जाएगा. एसपी के अनुसार जैसे ही उन्होंने वन विभाग के नाके के अंदर प्रवेश किया, केशव गुर्जर ने उन पर भी फायर कर दिया.  केशव गुर्जर की गई फायरिंग से एसपी धर्मेन्द्र सिंह के सीने में गोली लगी लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट के कारण बचाव हो गया गोली बुलेटप्रूफ जैकेट में धंस कर रह गई. 


क्या कहना है एसपी धर्मेंद्र सिंह का 


धौलपुर के एसपी धर्मेंद्र सिंह से जब उनको गोली लगने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा मुठभेड़ के दौरान दोनों तरफ से गोलीबारी हुई थी. इस दौरान बदमाशों की कुछ गोलिया तीन पुलिस कर्मियों की बुलेटप्रूफ जैकेट में आकर लगी थीं. इसकी ज्यादा प्रचार करने की जरुरत नहीं है. यह तो अक्सर होता है. दोनों तरफ से फायरिंग होती है तो कही भी किसी को लग सकती है. डकैतों की गई फायरिंग में गोली पुलिस कर्मियों की बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी थी. 


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