Daku Malkhan Singh: बीहड़ में बागी मलखान सिंह की बोलती थी तूती, 2014 में इस पार्टी के लिए किया था चुनाव प्रचार
Daku Malkhan Singh: मलखान सिंह द्वारा अपनी गैंग बनाई गई, जिसमें सबसे पहले रिश्ते के भाई और दोस्त को शामिल किया. हथियारों की कमी होने के कारण वह लोगों का अपहरण करना शुरू कर दिया.
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Daku Malkhan Singh Story: राजस्थान के बीहड़ के डाकू मलखान सिंह की एक समय तूती बोलती थी. डाकू मलखान सिंह को डकैतों का राजा कहा जाता था. मलखान सिंह को जो डाकू कहता था, उसे वह मौत के घाट उतार देता था. मलखान सिंह को बागी कहलवाना पसंद था. मलखान सिंह का जन्म भिंड जिले के बिलाव गांव में हुआ था. मलखान सिंह का गांव के सरपंच कैलाश नारायण पंडित द्वारा मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण करने को लेकर विवाद था. मंदिर की जमीन के विवाद पर ही मलखान सिंह को चंबल का डकैत बनना पड़ा.
गांव में कैलाश नारायण का दबदबा था और गांव की 75 फीसदी जमीन पर कैलाश नारायण के परिवार का कब्जा था. इसमें ज्यादातर जमीन गरीबों की छीनी हुई थी. कैलाश नारायण की पहुंच सरकार में मंत्रियों तक थी, इसलिए वह गांव में मनमानी करता था, उसे किसी का डर नहीं था. पुलिस भी उसकी ही बजाती थी. जो भी उसके खिलाफ आवाज उठाता तो उसका बुरा हाल होता था, उसकी पिटाई की जाती थी. यह बात गांव के 17 वर्षीय मलखान को बहुत बुरी लगती थी और वह इसका पुरजोर विरोध भी करता था.
मंदिर की जमीन का उठाया था मुद्दा
मलखान द्वारा कैलाश पंडित के खिलाफ आवाज उठाना और लोगों को जागरूक करने के कारण पंडित कैलाश नारायण मलखान का दुश्मन बनता गया. उसने एक दिन पुलिस वालों से कहकर मलखान को जेल में बंद करवा दिया. पुलिस द्वारा मलखान की जमकर पिटाई की गई, लेकिन कुछ दिन बाद मखलान जमानत पर छूटकर बाहर आ गया. जमानत पर बाहर आने के बाद मलखान सिंह ने कैलाश पंडित द्वारा जो मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा था उसका मुद्दा उठा दिया और कैलाश पंडित का पुरजोर विरोध किया.
मलखान ने मंदिर की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए अभियान सा चला दिया, जिससे कैलाश पंडित परेशान हो गया. कैलाश पंडित पैसे वाला था और उसके परिवार का सदस्य सरकार में मंत्री था इसलिए पुलिस वाले कैलाश पंडित की बात मानती थी. कैलाश पंडित के किसी करीबी की हत्या हो गई थी, जिसका इल्जाम मलखान पर लगाया गया और पुलिस मलखान को परेशान करने लगी. यहीं से मलखान ने बीहड़ जाने का रास्ता चुना.
चंबल के बीहड़ में बनाई अपनी गैंग
मलखान सिंह द्वारा अपनी गैंग बनाई गई, जिसमें सबसे पहले रिश्ते के भाई और दोस्त को शामिल किया, लेकिन मलखान के पास हथियारों की कमी होने के कारण वह लोगों का अपहरण करना शुरू कर दिया. अपहरण द्वारा जो भी पैसा आता उससे वह हथियार खरीदना और कुछ पैसा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंदिर की मरम्मत में दान कर दिया करता था.
धीरे -धीरे मलखान की वारदातें भी बढ़ती गई और पुलिस द्वारा मलखान सिंह पर इनाम भी बढ़ाया जाता रहा. पांच महीने के दौरान ही पुलिस ने मलखान सिंह पर 5 हजार का इनाम घोषित कर दिया. मलखान सिंह की गैंग डकैती से ज्यादा अपहरण करने पर ज्यादा ध्यान रखते थे. मलखान की गैंग ने दर्जनों लूट, अपहरण की घटनाओं को अंजाम दिया और इनसे पैसे इकठ्ठे करके गैंग के लिए नए-नए हथियार खरीद लिये. धीरे-धीरे मलखान की गैंग बढ़ती गई और उसके गैंग की सदस्यों की संख्या लगभग सौ के बराबर हो गई. मलखान की गैंग तीन राज्यों उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश और राजस्थान में सक्रीय हो गई और एक से बढ़कर एक वारदात को अंजाम देने लगे. मलखान सिंह के पास पुलिस से भी अधिक नये हथियारों की भरमार थी.
चंबल के आसपास के गांव में रेप होना हुआ बंद
मलखान सिंह ने अपनी गैंग के लिए नियम कायदे बनाये थे, जो अन्य डाकुओं से अलग थे. मलखान सिंह की गैंग के सदस्यों के लिए सबसे बड़ा नियम था कि कोई भी किसी महिला पर गंदी नजर नहीं डालेगा. मलखान सिंह ने क्षेत्र में फरमान जारी किया कि कोई भी रेप करेगा तो उसे चौराहे पर खड़ा करके गोली मार दी जाएगी. रेप के कई मामलों में मलखान ने ऐसा किया भी। इसके बाद चंबल के आस-पास के इलाकों में रेप होने बंद हो गए थे। मलखान सिंह की गैंग के लोग भी कोई भी महिला सामने आती तो गर्दन झुकाकर उसके पैर छूकर आगे बढ़ जाते.
डाकू मलखान सिंह पर 1980 तक 94 से ज्यादा मामले दर्ज हो गए थे, जिसमे 17 मर्डर, 28 अपहरण, 19 मर्डर का प्रयास और 18 डकैती के मामले शामिल थे. डाकू मलखान सिंह ने 15 जून 1982 को मुख्यमंत्री के सामने सरेंडर कर दिया. मलखान सिंह के सरेंडर करने के बाद 6 वर्ष जेल में रहा था. मलखान सिंह को 1989 में सभी मामलों में बरी करके जेल से रिहा कर दिया गया.
बीजेपी का किया प्रचार
मलखान सिंह जेल से रिहा होने के बाद भी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में धाक थी. इस वजह से राजनीतिक पार्टियां मलखान सिंह के संपर्क में आये. मलखान सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए चुनाव प्रचार भी किया. मलखान सिंह ने 2014 में कांग्रेस पार्टी को कोसा और बीजेपी को जिताने की अपील की.
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