Dausa Borewell Accident: खुले बोरवेल के हादसे बच्चों की जिंदगी लगातार छीनते जा रहे हैं. राजस्थान के दौसा में भी ऐसा ही कुछ हुआ. 9 दिसंबर को बोरवेल में गिरा पांच साल का मासूम आर्यन जिंदा वापस नहीं आ सका, तीन दिन के लंबे बचाव अभियान के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका. 5 साल के आर्यन को बोरवेल से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
रेस्क्यू टीम ने उसे बाहर निकाला और पुलिस ने आर्यन के शव को दौसा जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है. बच्चे के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है. उसके गांव कालीखाड़ में भी मातम छाया हुआ है. अब गुरुवार(12 दिसंबर) की सुबह शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा.
गौरतलब है कि आर्यन को बचाने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने पूरी कोशिश की. पाइलिंग मशीन के जरिए बोरवेल से कुछ दूरी पर नया गड्ढा खोदा गया. खुदाई का काम पूरा होने के बाद गड्ढे की फिनिशिंग हुई और फिर एनडीआरएफ के जवानों को पीपी किट पहनाकर 150 फीट नीचे उतारा गया. जवानों ने आर्यन तक पहुंचने के लिए गड्ढे से बोरवेल तक एक टनल बनाई. पाइलिंग मशीन के द्वारा खुदाई के बाद कई प्रकार की परेशानियों का भी सामना भी करना पड़ा. हालांकि, पूरी सावधानी बरतने के बाद ही जवानों को नीचे उतारा गया.
बोरवेल के पास जुटे रहे कई लोग
9 दिसंबर की शाम करीब 4.00 बजे आर्यन बोरवेल में गिरा था, जिसके बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था. बोरवेल के पास भारी संख्या में लोग बच्चे की एक झलक पाने की उम्मीद में खड़े रहे. वहीं, विधायक रामविलास मीणा और दौसा के डीएम देवेंद्र कुमार भी मौके पर पहुंचे थे.
एक झलक पाने बड़ी संख्या में पहुंचे रहे लोग
सोमवार करीब 4:00 बजे 5 वर्षीय मासूम बोरवेल में गिरा था जिसके बाद ही बचाव कार्य किया जा रहा है लेकिन मासूम अब तक बाहर नहीं निकल पाया है अब दौसा जिले हजारों लोग यहां मासूम की एक झलक पाने के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं लालसोट विधायक रामविलास मीणा, दौसा जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार भी मौके पर मौजूद हैं और लगातार बच्चे के हलचल के बारे में जानकारी ले रहे हैं.
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