Dausa Borewell Rescue News: राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में बोरवेल में बच्चे को बचाने का अभियान बुधवार (11 दिसंबर) को तीसरे दिन भी जारी है. 42 घंटे में एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के देसी जुगाड़ बच्चे को निकालने में फेल रहे हैं. वहीं ऑपरेशन में लगी 10 जेसीबी और दूसरी मशीनों की खुदाई का भी खास असर नहीं हुआ है. अब 160 फीट गहरे बोरवेल से आर्यन को निकालने के लिए अब हाईटेक मशीनों से सुरंग बनाई जा रही है.
सवाई माधोपुर से देर शाम लाई गई पाइलिंग मशीन से अब तक 110 फीट गहरा गड्ढा खोदा जा चुका है, लेकिन अभी भी आर्यन जिस जगह पर फंसा है, वो जगह करीब चालीस फीट दूर है. पाइलिंग मशीन एक घंटे में 20 से 25 फीट फीट गहरा गड्ढा खोद रही है और प्रशासन की बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश जारी है. इस बीच जैसे-जैसे समय बीत रहा है, वैसे-वैसे आर्यन के जीवन पर खतरा बढ़ता जा रहा है, क्योंकि आर्यन जब से बोरवेल में गिरा है, उसने कुछ खाया पिया नहीं है. ऐसे में परिजनों और प्रशासनिक अधिकारियों की चिंता अब बढ़ गई है.
42 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
आर्यन को बोरवेल में गिर हुए आज तीसरा दिन हो गया, लेकिन प्रशासन सहित एनडीआरफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार पिछले 42 घंटे से आर्यन को सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रयासरत है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आर्यन को आज शाम तक बोरवेल से बाहर निकाल लिया जाएगा.
मौके पर सवाई माधोपुर से मंगवाई गई पाईलिंग मशीन द्वारा बोरवेल से महज चार से पांच फीट की दूरी पर ही करीब चार फीट चौड़ाई में गड्ढे की खुदाई की जा रही है. ऐसे में 150 फीट खुदाई पूरी होने के बाद एनडीआरफ के जवान गड्ढे में नीचे उतरेंगे और गड्ढे में ही आर्यन तक पहुंचने के लिए एक टनल बनाएंगे, जिसके जरिए वो आर्यन तक पहुंचेंगे. इसके बाद ही आर्यन को बाहर निकाला जाएगा.
बोरवेल में बढ़ा पानी का जलस्तर
वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन में किसी प्रकार की अड़चन न आए, इसलिए क्षेत्र की बिजली आपूर्ति पूरी तरीके से बंद की गई है. इससे क्षेत्र के सभी बोरवेल से पानी निकासी पूरी तरह बंद है. ऐसे में जिस बोरवेल में आर्यन गिरा है अब उसका भी जलस्तर बढ़ने लगा है. रेस्क्यू टीम में लगे लोगों का कहना है कि बोरवेल का पानी आर्यन के पास तक पहुंच गया है.
150 फीट पर फंसा हुआ है मासूम
बता दें मासूम 160 फीट गहरे बोरवेल में करीब 150 फीट पर अटका हुआ है. रेस्क्यू ऑपरेशन में करीब तीन एलएनटी मशीन और करीब 10 जेसीबी, 20 ट्रैक्टर जुटे हुए हैं. एनडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल करने के लिए लोहे की रिंग नुमा रोड डालकर बोरवेल से सीधे ही बच्चे को निकालने की कोशिश कर रही है. बच्चा बोरवेल में अधिक अंदर नहीं जाए, इसके लिए नीचे अंब्रेला नुमा एक इक्विपमेंट लगाया गया है.
किरोड़ी लाल मीणा ने क्या कहा?
वहीं मंगलवार को बचाव अभियान पर राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, "बचाव प्रयास जारी हैं. मैं सुबह से ही अधिकारियों के संपर्क में हूं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान बच्चे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. ये घटनाएं पूरे देश में होती हैं, सरकार की ओर से निर्देश हैं लेकिन कोई कानून नहीं है. बोरवेल को ढकने के बारे में एक कानून बनाया जाना चाहिए."