Dausa Borewell: बोरवेल में 18 घंटे फंसी रही डेढ़ साल की मासूम, अब रेस्क्यू टीम ने अभियान की सफलता का खोला राज
Dausa Borewell: राजस्थान के दौसा में एक मासूम बच्ची खुले बोरवेल में गिर गई थी. यह बोरवेल 600 फीट गहरा था, रेस्क्यू टीम ने बच्ची को बचाने के लिए कड़ी मशक्कत की और सकुशल निकाल लिया.
Dausa News: राजस्थान के दौसा जिले में नीरू नाम की एक डेढ़ साल की मासूम 35 फीट गहरे खुले बोरवेल में गिर गई थी. इस मासूम बच्ची को एनडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया. बच्ची के सुरक्षित बाहर निकलते ही उसके परिजनों के साथ स्थानीय प्रशासन ने भी राहत की सांस ली.
यह घटना दौसा जिले के बांदीकुई के जोधपुरिया गांव का है. जहां 35 फीट खुले बोरवेल में मासूम गिर गई थी. बच्ची को को बचाने के लिए बुधवार (28 सितंबर) को करीब शाम 4.30 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. इसके लिए एनडीआरएफ टीम ने सुरंग खोदना शुरू किया.
रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार गुरुवार (19 सितंबर) को सुबह करीब 10.30 बजे नीरू को बोरवेल से सुरक्षित जिंदा निकालने में सफलता हासिल की. रेस्क्यू टीम ने 35 फीट नीचे गहरा गड्ढा खोदकर उसमें 20 फीट लंबी पाइप की सुरंग बनाई. रेस्क्यू टीम ने इसी सुरंग के रास्ते बोरवेल से मासूम को बाहर निकाल कर एक मां की मुस्कान को वापस लौटा दिया.
नीरू को चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया
दौसा जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने बताया कि गुरुवार शाम तक मासूम नीरू को चिकित्सकों की निगरानी में मेडिकल टीम के साथ रखा गया. स्वास्थ्य स्थिति बेहतर होने पर नीरू को उसके परिजनों को सौंप गया.
कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने कहा कि इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसटीआरएफ, सिविल डिफेंस, क्यूआरटी और पुलिस सहित कई लोगों ने एक साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया, जिससे हम नीरू को बचाने में कामयाब हुए. उन्होंने कहा कि हालांकि यह ऑपरेशन 17 से 18 घंटे चला, लेकिन हम उसे बचाने में कामयाब रहे हैं.
एसपी रंजीता शर्मा ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित कई विभागों की संयुक्त कार्रवाई में 17 से 18 घंटे चले इस ऑपरेशन में कामयाबी मिली है, जिसकी वजह से हम नीरू को सुरक्षित बचाने में कामयाब हुए. इसमें सभी का सहयोग रहा है.
'600 फीट गहरा था बोरवेल'
एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट योगेश कुमार ने बताया कि यह बोरवेल 600 फीट गहरा था. बच्ची 27 से 28 फीट नीचे बोरवेल में फंसी हुई थी, यह हमारे लिए बहुत चुनौती की बात थी, हमने उसके पास तक पहुंचने के लिए एक पाइप का सुरंग बनाया.
एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट योगेश कुमार के मुताबिक, इस रेस्क्यू के दौरान बच्ची की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया गया. रेस्क्यू के दौरान हमने कोई ऐसा कदम नहीं उठाया, जिससे उसकी जान पर खतरा बन पड़े. इसलिए हमने पूरी सावधानी के साथ काम किया.
विधायक बढ़ाते रहे परिजनों का हौसला
बांदीकुई विधायक भागचंद टांकड़ा भी पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान घटना स्थल मौजूद रहे. इस दौरान वह नीरू के परिजनों की हिम्मत बढ़ाते रहे और प्रशासन के साथ बचाव राहत दाल की हर मूवमेंट पर निगाह बनाए हुए थे.
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