Dausa News: सरकार योजना बनाकर आम जनता को सुविधा उपलब्ध करवाती है लेकिन जब सरकार के नुमाइंदे और सिपहसालार योजनाओं को पलीता लगाने में लग जाएं तो क्या किया जा सकता है? बीती रात दौसा नगर परिषद के पास बने रैन बसेरे की हालत देखने पार्षद सनी खान उर्फ शाहनवाज और पार्षद पूरण सैनी निकले. दोनों पार्षद रैन बसेरों की हालत देखकर हक्के बक्के रह गए. कहने को तो सरकार ने रुकने वाले लोगों को गर्मी में एयर कंडीशन तक की सुविधा दी है, लेकिन यहां पंखा तक नसीब नहीं हो रहा है.
पार्षदों ने रैन बसेरे का मुआयना कर जाना हाल
कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए ठहरे हुए अभ्यर्थियों को पंखा नहीं मिला. आराम करने के लिए सरकार ने पलंग तक की व्यवस्था है लेकिन पलंग को उठाकर साइड में कर दिया गया है. पीने के लिए पानी बहुत दूर की बात हो गई. रैन बसेरा या आश्रय स्थल में सफाई नाम की कोई व्यवस्था नहीं मिली. दोनों पार्षदों ने रैन बसेरा में ठहरे अभ्यर्थियों के लिए खुद साफ सफाई की और आयुक्त को सूचना दी गई. दोनों पार्षदों ने रैन बसेरा के रखरखाव पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि आखिर कहां जा रहा है रखरखाव का पैसा? उन्होंने बताया कि राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा देने के लिये आए बाहरी छात्र-छात्राओं को रुकने में काफी परेशानी हुई.
कब तक नगर परिषद 'नरक परिषद' बनी रहेगी?
नगर परिषद के आश्रय स्थल में ना तो पंखे चालू हैं और ना कूलर चालू हैं. पानी की टोटी भी बंद होने से लोगों को दिक्कत हो रही है. कूलर रखे हैं लेकिन कबाड़े में तब्दील कर दिए गए. अब भीषण गर्मी में छात्र-छात्राओं के हालात खराब हैं. मजबूरी में छत पर सोना पड़ रहा है. क्या प्रभारी, अधिकारी की जिम्मेदारी नहीं बनती की व्यवस्था ठीक कराएं. उन्होंने पूछा कि कब तक नगर परिषद 'नरक परिषद' बनी रहेगी. मामले में नगर परिषद आयुक्त विश्वामित्र मीणा ने कहा कि पार्षदों की शिकायत के बाद रैन बसेरा में अभ्यर्थियों की सारी व्यवस्थाएं कर दी गई थीं. मीणा ने एबीपी न्यूज को भरोसा दिलाया है कि भविष्य में कोई भी शिकायत नहीं आएगी.