Dausa News: राजस्थान में खुले और गहरे बोरवेल मासूम बच्चों की जान सांस में डालने वाले केंद्र बनते जा रहे है. अपने खेतों और जमीन पर सूख चुके बोरवेल को लोग मिट्टी से भरने की बजाय खुला छोड़ देते हैं और इसकी कीमत कई बार मासूम बच्चों को अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ती है.
 
दौसा में सोमवार (9 दिसंबर) की शाम एक और बच्चा डेढ़ सौ फीट गहरे बोरवेल में फंस गया. दौसा के पापड़दा थाना इलाके के कालीखाड़ गांव में में ये हादसा सोमवार शाम करीब तीन बजे हुआ. पांच का साल का आर्यन उस वक्त अपनी मां के साथ था. आर्यन की मां खेत के पास कुंए पर काम कर रही थी कि अचानक आर्यन का पैर फिसल गया और वो नजदीक के खुले बोरवेल में गिर गया.


सीसीटीवी से बच्चे पर नजर
आर्यन के बोरवेल में गिरने की खबर लगते ही स्थानीय प्रशासन फौरन मौके पर पहुंच गया. जिस बोरवेल में आर्यन फंसा है उसके आस पास की जमीन की खुदाई सात जेसीबी मशीनों से शुरू करवा दी गई गई है. जिला कलेक्टर समेत पूरा प्रशासन बचाव कार्य की निगरानी में जुटा है. बोरवेल के भीतर आक्सीजन पाइप डाला गया है और सीसीटीवी के जरिए आर्यन के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. जयपुर से एसडीआरएफ की एक टीम भी दौसा पहुंच चुकी है और दौसा विधायक डी डी बैरवा भी स्थानीय लोगों के साथ मौके पर मौजूद हैं.


सितंबर में गिरी थी 4 साल की बच्ची 
इससे पहले सितंबर महीने में दौसा के ही बांदीकुई इलाके में चार साल की बच्ची नीरू पैंतीस फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी जिसे करीब अट्ठारह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया था. इस बच्ची को  बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमों ने लगातार 12 घंटे तक खुदाई की थी.


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