Bandikui Crime News: राजस्थान में इन दिनों अपराधियों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं. यहां आए दिन नए-नए अपराध सामने आने लगे हैं. ताजा मामला दौसा जिले के बांदीकुई में कॉलेज के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट की किडनैपिंग का है, जिसमें पुलिस अपनी पूरी मुस्तैदी से काम करने की बात तो कर रही है, लेकिन जमीन पर उसके नतीजे दिखाई नहीं दे रहे हैं. 


अपहरण के 24 घंटे बाद भी पुलिस बांदीकुई से किडनैप हुए कॉलेज स्टूडेंट अनमोल अरोड़ा का सुराग नहीं लगा पाई है. वहीं जिस कार में बदमाशों छात्र ने अनमोल अरोड़ा का अपहरण किया उसे भी पुलिस नही ढूंढ पा रही है. हालांकि पुलिस के आला अधिकारी लगातार घटना पर नजर रखे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई पुलिस को ठोस सुराग हासिल नहीं लगा है. फिहलहाल पुलिस अधिकारी मीडिया के सवालों के जवाब भी नही दे रहे हैं.


25 अप्रैल की है घटना
दरअसल ये मामला 25 अप्रेल का है, जहां बांदीकुई के एक व्यापारी के पुत्र को अज्ञात बदमाश कार में दोपहर एक बजे किडनैप कर ले गए थे. उधर छात्र अनमोल अरोड़ा के माता पिता सहित अन्य परिवार जनों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिजनों का कहना है कि प्रशासन जल्द से जल्द उनके लाडले को लेकर आए और आरोपियों को गिरफ्तार करें.


व्यापारियों में डर
वहीं अभी तक परिजनों फिरौती जैसी बात भी सामने नहीं आई है. ऐसे में पुलिस को भी बदमाशों की तलाश करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. दूसरी तरफ पूरे बांदीकुई के व्यापारियों में भी घटना को लेकर भय व्याप्त है. उनका कहना है कि इस तरह दिनदहाड़े अपहरण होना व्यापारियों की सुरक्षा पर खतरा है. जल्द से जल्द पुलिस किडनैप हुए छात्र को बरामद कर बदमाशों को हवालात पहुंचाएं.


मिलने पहुंचे विधायक
बांदीकुई विधायक जी आर खटाना ओर नगर पालिका अध्यक्ष इंद्रा बैरवा ने छात्र अनमोल के घर पर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया और पुलिस अधिकारियों को जल्द मामले को सुलझाने के निर्देश दिए है. उनका कहना है कि उनके पुलिस के आला अधिकारियों से बात हुई है. उन्होंने बताया कि लगभग 200 पुलिसकर्मी राज्य के अंदर और बाहर छात्र अनमोल को तलाशने में लगे हैं
 
अपराध के मामले पर दौसा पुलिस अधीक्षक राजकुमार गुप्ता का कहना है कि इन दिनों जो अपराध पनप रहे हैं, उनके पीछे मोबाइल एक बड़ी भूमिका निभा रहा है. जिसके चलते कोरोना महामारी के दौर में बच्चों ने मोबाइल से स्टडी करना शुरू किया हर बच्चे के पास मोबाइल आराम से उपलब्ध होने लगा. कामकाजी महिलाएं पुरुष लंबे समय बाद अपने घरों से कोरोना खुलने के बाद अपने काम पर लौटने लगे तो क्राइम को एक नई दिशा मिली.


'इसलिए बढ़ रहे अपराध'
उन्होंने आगे कहा कि पहले संयुक्त परिवार में हम लोग रहते थे तो घर का कोई ना कोई सदस्य बच्चों को संस्कारित करता ही रहता था और बच्चों को समय-समय पर संस्कार और संस्कार के मूल्यों का पता रहता था. आजकल फैमिली से अलग का चलन होने की वजह से माता-पिता अपने बच्चे को पूरा टाइम नहीं दे पाते हैं. यही अभी तक इस महामारी के बाद अपराध बढ़ने में अहम बातें निकल के सामने आ पाई हैं.


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