Dausa Snake Case: सांप के काटने की वजह से आए दिन लोगों की मौत हो जाती है. इस बीच राजस्थान (Rajasthan) से एक खबर सामने आई है, जहां राज्य उपभोक्ता आयोग (State Consumer Commission) ने सांप (Snake) काटने से आए अटैक के चलते हुई शख्स की मौत को नेचुरल डेथ की बजाय एक्सीडेंटल डेथ माना है. साथ ही राज्य उपभोक्ता आयोग ने शख्स की मौत के मामले में बीमा कंपनी को मृतक के आश्रितों को दस लाख रुपये की क्लेम राशि नौ फीसदी ब्याज सहित अदा करने का आदेश दिया है.
इसके अलावा राज्य उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी पर बीस हजार रुपये का अलग से हर्जाना भी लगाया है. आयोग ने कहा, बीमित व्यक्ति लल्लूराम को सांप काटने से शॉक आया था और इसे नेचुरल नहीं माना जा सकता. इसलिए बीमा कंपनी परिजनों को दस लाख रुपये नौ प्रतिशत ब्याज सहित दे. 20 हजार रुपये मानसिक परेशानी और परिवाद खर्च भी दिए जाएं." न्यायिक सदस्य एसके जैन और सदस्य रामफूल गुर्जर की बेंच ने यह आदेश दौसा के नांगलराजावतान के रहने वाले मुकेश मीना के अपील पर दिया.
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जिला उपभोक्ता आयोग ने खारिज कर दी थी अपील
अपील में परिवादी ने दौसा के जिला उपभोक्ता आयोग के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसका परिवाद नेचुरल डेथ मानकर खारिज कर दिया था. परिवादी ने बताया कि उसके पिता लल्लूराम ने बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी से 17 जून 2014 को दस लाख रुपये की व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पॉलिसी ली थी. वहीं अगले दिन खेत में काम करने के दौरान सांप के काटने से उनकी मौत हो गई थी. बीमा कंपनी ने मौत का कारण शॉक बताते हुए इसे दुर्घटना मानने से इनकार कर दिया और इंश्योरेंस क्लेम देने से मना कर दिया. इसके बाद परिवादी की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद पेश किया है. जिसे जिला आयोग ने खारिज कर दिया. इस आदेश के खिलाफ राज्य आयोग में अपील पेश की गई थी.