कोटा के रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र में सरस्वती कॉलोनी में एक व्यक्ति पेड़ की टहनिया काटते हुए हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गया. इससे उसकी मौत हो गई.नरोत्तम सिकरवार अपने घर पर पेड़ की डाली काटने के लिए गया था. वहां दो लाइन गुजर रही हैं, जिसकी चपेट में वह आ गया. पड़ोसियों ने देखा तो परिजनों को सूचना दी. इसके बाद नरोत्तम को एमबीएस अस्पताल ले जाया गया. वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया. इस घटना के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं और परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. वे घर के बाहर ही धरना देकर बैठ गए.
लाइन को लेकर दो विभागों में असमंजस
मृतक के भाई ने बताया कि नरोत्तम के किराना की दुकान लगाता था. उसकी दो बच्चियां और एक बेटा है. परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं पर थी. परिजनों ने बताया कि नरोत्तम सिकरवार की मौत घर के पास 11 केवी और 33 केवी की लाइन से करंट लगने से हुई है. कोटा में केईडीएल (KEDL) और जेवीवीएनएल (jvvnl) दो विभागों की बिजली आती है. ऐसे में अभी तक ये तय नहीं हो पा रहा कि आखिर लाइन किसकी है. घर के बाहर शव रखकर परिजनो सहित सैकड़ों लोग धरना दे रहे हैं.
मुआवजा और नौकरी मांग रहा है परिवार
घटना के बाद से ही घर के बाहर परिजन और बीजेपी के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के कार्यकर्ता सड़क पर बैठे हैं. उनका कहना है कि केईडीएल और जेवीवीएनएल को छोड़ो यहां तक कि प्रशासन का भी कोई जिम्मेदार अधिकारी अभी तक घटनास्थल पर परिजनों से मिलने नहीं पहुंचा है. इससे और आक्रोश व्याप्त हो रहा है.परिजनों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी जिस तरह की लापरवाही दोनों ही विभागों ने की है, उसी कारण मौत हुई है.मृतक जिसके तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं.वह परिवार में अकेला कमाने वाला था.परिजनों की मांग है कि सरकार 50 लाख का मुआवजा दे और परिवार में एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए. इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए जिससे शहर में इस तरह के हादसे दोबारा न हों.
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