Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा पर डीग के कामां में जनसैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालुओं ने तीर्थराज विमल कुंड में आस्था की डुबकी लगायी. गंगा दशहरा पर स्नान करने का शास्त्रों में महत्व बताया गया है. श्रद्धालुओं ने तीर्थराज विमल कुंड की परिक्रमा कर पूजा अर्चना की. गंगा दशहरा के पर्व की हिंदू धर्म में महत्ता है. ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि आज के दिन गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था.


गंगा दशहरा पर लाखों श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं. गंगा जाने में असमर्थ रहने वाले आस - पास बने किसी भी कुंड में मां गंगा का नाम लेकर आस्था की डुबकी लगा लेते हैं. बताया जाता है कि श्री कृष्ण ने माता-पिता के लिए सारे तीर्थ तीर्थराज विमल कुंड में आहूत किए थे. तीर्थराज विमल कुंड में स्नान करने का विशेष महत्व है. परंपरा का पालन करने के लिए प्रति वर्ष गंगा दशहरा पर हजारों की संख्या में लोग श्रद्धा से तीर्थराज विमल कुंड सरोवर में आस्था की डुबकी लगाते हैं.




गंगा दशहरा पर तीर्थराज विमल कुंड में आस्था की डुबकी


गंगा दशहरा पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए डीग प्रशासन ने व्यापक तैयारी की थी. 15 जून को चम्बल के पानी की सप्लाई रोककर विमल कुंड में भरवाया गया. प्रशासन का कहना था की 15 जून को ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में पानी की सप्लाई टैंकर से की गई है. तीर्थराज विमल कुंड आने वाले श्रद्धालुओं के लिए समाजसेवी संस्थाओं की तरफ से जगह-जगह जलपान भंडारों का आयोजन किया गया. कई जगह शरबत ,नीबू शिकंजी और ठन्डे पानी की प्याऊ लगाई गई. प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के माकूल इंतजाम किये गए. श्रद्धालुओं को परेशानी से बचाने के लिए पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता लगाया गया. तीर्थराज विमल कुंड में श्रद्धालुओं को डूबने से बचाने के लिए एक स्टीमर की व्यवस्था भी थी. 




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