Rajasthan Air Quality: दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण से अब राजस्थान भी अछूता नहीं रहा. 265 किलोमीटर दूर राजधानी जयपुर की आबोहवा दिनों दिन खराब होती जा रही है. लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण से दिल्ली के नजदीक बसे अलवर, भिवाड़ी और खैरथल का भी हाल बेहाल है. राजस्थान में भी प्रदूषण की वजह से सरकार को स्कूल बंद करने का फैसला लेना पड़ा. खैरथल में कलेक्टर ने 23 नवंबर तक स्कूल बंद करने का फरमान जारी किया है.
भिवाड़ी और खैरथल का वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है. बीकानेर संभाग के कई जिलों में भी लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है. गंगानगर और सूरतगढ़ में पराली जलाने की घटनाओं से हवा जहरीली हो गयी है. सूरतगढ़ में पराली जलाने की करीब तीस घटनाएं अब तक सामने आ चुकी हैं. गंगानगर में भी दो दर्जन से ज़्यादा पराली जलाने के मामले सामने आये हैं. पराली जलाने के कारण गंगानगर, बीकानेर और हनुमानगढ़ का वायु गुणवत्ता सूचकांक तीन सौ के आसपास पहुंच चुका है.
राजस्थान में भी वायु प्रदूषण की मार
झुनझुनू, चूरू जिलों की भी हवा जहरीली हो रही है. भिवाड़ी इंडस्ट्रियल इलाके में फैक्ट्रियों से निकलने वाले काले धुएं ने प्रदूषण की स्थिति को और बिगाड़ दिया है. राजस्थान में पर्यटन सीजन पूरे शबाब पर है. ऐसे में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर सहित प्रमुख पर्यटन केंद्रों पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही थी. अब दिल्ली से आने वाले पर्यटक जयपुर का रुख कर रहे हैं. भीड़ के कारण जयपुर की सड़कों पर ट्रैफिक का दवाब बढ़ गया है. हालांकि जयपुर का भी प्रदूषण की वजह से हाल बेहाल है.
यहां लगी खदान और क्रेशर पर रोक
मानसरोवर का इलाका सबसे ज़्यादा प्रदूषण की मार झेलने को मजबूर है. मुरलीपुरा इंडस्ट्रियल इलाका होने के बावजूद मानसरोवर और सीतापुरा में वायु गुणवत्ता सूचकांक तीन सौ के पास पहुंच चुका है. आदर्श नगर और एमआई रोड की वायु गुणवत्ता ढाई सौ के पार है. कोटा और करौली जिलों में भी धूल के कणों का तांडव देखने को मिल रहा है. भरतपुर, डीग, कामा और पहाड़ी इलाकों में प्रदूषण की वजह से क्रेशर और खदान पर रोक लगा दी गयी है. सड़क और पुलिया निर्माण के कामों पर भी अघोषित रोक लागू हो चुकी है.
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